राजस्थान/पुष्कर: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भगवान् शंकर ने एक बात और कहीं- नारायण जी! आपकी पूजा घर-घर में होगी, लेकिन मैंने जो ज्योति प्रगट की है, इसका नाम आज से शिवलिंग होगा। यह ज्योति मेरे नाम से, शिवलिंग के नाम से पूजी जायेगी। आज महापर्व शिवरात्रि है। आज के दिन यह ज्योति प्रगट हुई। इसीलिए आज की रात्रि शिव-रात्रि है। जो व्यक्ति आज की रात्रि को चार पूजन करेगा और शिवरात्रि का व्रत रखेगा, वह एक वर्ष की पूजा का फल एक दिन में प्राप्त करेगा। जो शिवरात्रि का व्रत करके मेरी पूजा करेगा, वह मेरे धाम सीधा चलाआयेगा। उसे कोई रोक नहीं सकता।
पूरे वर्ष व्रत का फल यदि आपको प्राप्त करना हो, तब शिवरात्रि का व्रत कर लो और उस रात्रि को चार पहर की पूजा कर लो। अरुणाचल प्रदेश में यह ज्योति प्रकट हुई थी। जो पूजन करेंगे, दर्शन करेंगे, कल्याण के भागीदार होंगे। नारायण जी! आप एक बात और सुन लो। अपने जीवन में एक शिवलिंग की स्थापना जरूर कर देना। काशी में शिवलिंग की स्थापना कराने वाले को निश्चित ही मुक्ति प्राप्त होती है। यद्यपि मेरे दोनों रूप हैं, पूजन का फल दोनों में है, फिर भी मूर्ति की अपेक्षा, पिंडी में पूजन का विशेष फल है। अपने जीवन में एक शिवलिंग की स्थापना करने वाला व्यक्ति शिव की कृपा प्राप्त करेगा। जब तक यहां रहेगा, सुखी रहेगा, अंत में सीधे परमधाम को प्राप्त कर लेगा।
ब्रह्मा जी को सूजन का कार्य, नारायण को पालन और रूद्र को संहार करने का कार्य मिला। यहां पांच कृत्य बताए हैं- सृजन, पालन, संहार, तिरोधन करना महेश्वर का काम और अनुग्रह करना, कृपा की वर्षा करना, मेरा काम होगा। मैं अनुग्रह करता हूं। अनुग्रह क्या होगा? जन्म-मरण के चक्र से छुड़ा देना और स्वयं में लीन कर लेना,ज्योति बना देना, यह जीवों पर मेरा सबसे बड़ा अनुग्रह होगा। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा,(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)