नई दिल्ली। शिक्षा देश के विकास का आधार होती है और जब आधार मजबूत होता है तो देश मजबूत होता है। बदलते वैश्विक दौर में हमारी स्कूली शिक्षा पिछड़ रही है। देश भर में रोज 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं, इनमें लगभग 18 करोड़ बच्चें सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, जिनकी स्थिति और पठन-पाठन अत्यन्त दयनीय है।
स्कूलों के शैक्षणिक ढांचा और बच्चों की बुनियाद को नई दिशा देना और दशा बदलना समय की मांग है। ऐसे में केन्द्र सरकार की प्रधान मंत्री स्कूल फार राइजिंग इण्डिया योजना (पीएम श्री) से सरकारी स्कूलों में क्रान्तिकारी परिवर्तन देखने को मिल सकता है। नरेन्द्र मोदी सरकार ने अगले पांच सालों में साढ़े 14 हजार सरकारी स्कूलों को अपग्रेड कर आदर्श स्कूल के रूप में बनाने की योजना को मंजूरी देकर बच्चों के सुनहरे भविष्य के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
इन अपग्रेड स्कूलों में स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, विज्ञान प्रयोगशाला, खेल का मैदान आदि सभी सुविधाओं से लैस होंगे और प्रशिक्षित शिक्षक होंगे। बदलते दौर के अनुसार कौशल विकास पर आधारित पाठ्यक्रम होगा। खोज करने और सिखा कर पढ़ाने पर जोर होगा।
इससे बच्चों में छिपी कला और प्रतिभा को निखारने में मदद मिलेगी और बच्चों के भीतर प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होगी। पीएम श्री योजना एक तरह से भविष्य के छात्र तैयार करने का आधुनिक स्कूल है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रयोगशाला होगी। देश में लगभग दस लाख सरकारी स्कूल हैं, जबकि साढ़े 14 हजार ही अपग्रेड किए जाएगे, जो काफी कम संख्या है। हालांकि पीएम श्री योजना के तहत अपग्रेड स्कूल अनुकरणीय स्कूलों की तरह काम करेंगे और अन्य स्कूलों का मार्गदर्शन करेंगे। केन्द्र सरकार का यह स्वागतयोग्य कदम है।