नई दिल्ली। रूस के निझनी में 3 सितंबर से 16 सितंबर के बीच 17 देशों के सैन्य अभ्यास में शामिल होने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। हालांकि इसमें चीन और पाकिस्तान भी होंगे, लेकिन वे पर्यवेक्षक बने रहेंगे, क्योकि इस अभ्यास में उन्होंने सेनाएं नहीं भेजी हैं। भारतीय सेना ने इस अभ्यास के लिए नगा रेजिमेंट के करीब 200 सैनिकों को भेजा है। ये जवान रूसी सैन्यबल के साथ थियेटर स्तर का युद्धाभ्यास करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस युद्धाभ्यास का मकसद भागीदार देशों के बीच सैन्य और सामरिक गठजोड़ बढ़ाना है जिससे आतंकवाद विरोध अभियानों में सहयोगी देशों को मदद मिलेगी। पिछले साल सितंबर में रूस में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आयोजित आतंकवाद विरोधी कवजाक अभ्यास में भारत ने हिस्सा लेने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि इसमें चीन के साथ पाकिस्तानी सैनिकों को भी शामिल किया गया था।