इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री व पीटीआई प्रमुख इमरान खान की नौ मई को गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो रहे है। इमरान खान की गिरफ्तारी के तुरंत बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने देश की राजधानी इस्लामाबाद समेत कई शहरों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसका सिलसिला जारी है। इस हिंसक प्रदर्शन में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, वहीं 290 लोग जख्मी हो गये हैं।
बिगड़ते हालात को देखते हुए इस्लामाबाद के अलावा तीन अन्य प्रांतों में सेना की तैनाती की गई है। वहीं, देश में बिगड़ती स्थिति और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और इमरान खान के करीबी सहयोगी शाह महमूद कुरैशी को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अब तक इमरान की पार्टी के करीब 1900 नेता-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इससे पहले बुधवार को एक विशेष अदालत ने इमरान खान को आठ दिन के लिए भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी (NAB) की रिमांड में भेज दिया, जबकि एक सत्र अदालत ने भ्रष्टाचार के एक अलग मामले में उन्हें आरोपित किया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने पीटीआई पर कानून और संविधान का उल्लंघन करने औक देश को एक बार फिर अराजकता की ओर ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पीटीआई ने सभी सीमाओं को पार कर लिया है और अब पाकिस्तान के कानूनों और संविधान को लागू करने की जिम्मेदारी देश, संबंधित संस्थानों और अदालतों पर है।
पीटीआई को बिलावल भुट्टो की नसीहत
बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पीटीआई को सलाह दी कि वह “मामले को और खराब न करें” और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन को समाप्त करने का आह्वान करें। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया पूरी तरह से अनुचित है। यह हिंसक है और इसने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जिसमें गंभीर बातचीत की जरूरत है। लेकिन मैं पीटीआई को केवल यही सलाह दे सकता हूं कि आपने जो किया वह हो गया, लेकिन जो इसमें शामिल थे उन्हें जवाब देना होगा।