आचार्य प्रमोद कृष्णम ने संभल के पूर्व आईजी पीयूष श्रीवास्तव का कल्कि धाम में किया स्‍वागत

Acharya Pramod Krishnam: कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आध्यात्मिक केंद्र में सेवानिवृत्त आईजी पीयूष श्रीवास्तव और उनके परिवार का स्वागत किया. इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूज्य आध्यात्मिक गुरु के बीच गर्मजोशी, सम्मान और आशीर्वाद का आदान-प्रदान हुआ. इसी बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ कुछ तस्‍वीरें साझा कर लिखा कि “संभल के पूर्व पुलिस अधीक्षक और सेवानिवृत्त आईजी श्री पीयूष श्रीवास्तव जी का अपने परिवार के साथ श्री कल्कि धाम आगमन पर हार्दिक स्वागत और आशीर्वाद.”

सीएम योगी के नेतृत्‍व में हो रहा अभूतपूर्व कार्य

वहीं, हाल ही में शुरू हो रहे कावड़ यात्रा और उससे जुड़ी बहसों पर टिप्पणी करते हुए आचार्य कृष्णम ने कहा कि सावन का महीना सनातन धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है और इसे तपस्या और भक्ति के समय के रूप में देखा जाता है. इसके साथ ही उन्होंने यात्रा के प्रबंधन और भक्तों की भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की.

उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कई मुख्यमंत्री रहे हैं, जिनमें अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और मायावती शामिल हैं,लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब कांवड़ियों की आस्था को संबोधित करने के लिए जो किया जा रहा है, वह अभूतपूर्व है.”

व्यवसाय के लिए धर्म का शोषण

वहीं, उन्होंने पिछली घटनाओं को याद किया, जहां कथित तौर पर भक्तों पर हमला किया गया था या उनका अपमान किया गया था. उन्होंने कहा, “आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी भी धर्म की नींव सत्य है. जो लोग सत्य को छिपाते हैं या व्यवसाय के लिए धर्म का शोषण करते हैं, वे गलत हैं.” आचार्य कृष्णम ने हिंसा और धार्मिक पहचान के व्यापक मुद्दे पर भी चर्चा की.

हिंसा की अनुमति नहीं देता कोई भी धर्म

उन्होंने आगे कहा कि “सनातन धर्म सहित कोई भी धर्म हिंसा की अनुमति नहीं देता है. फिर भी आज अधिकांश हिंसा धर्म के नाम पर होती है. यदि कोई क्रिया होती है, तो उसकी प्रतिक्रिया भी होगी.” पहलगाम में हुई दुखद घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें गोली मार दी गई और उनके कपड़े उतार दिए गए. यह निराशाजनक है कि जब हिंदुओं पर हमला होता है, तो अक्सर चुप्पी रहती है. यह गलत है, लेकिन कारण और प्रभाव के प्राकृतिक नियम की अनदेखी भी गलत है.”

कुरान में झूठ बोलने की इजाज़त नहीं

इसके अलावा, पहचान, ईमानदारी और समानता नामपट्टिका और व्यावसायिक पहचान के मुद्दे पर आचार्य कृष्णम ने उन लोगों की आलोचना की जो झूठे नामों से काम करते हैं. उन्होंने कहा कि “अगर आप स्कूल जाते हैं, काम करते हैं, वोट देते हैं या विदेश यात्रा करते हैं, तो आपको पहचान की ज़रूरत होती है. अच्छे कामों को भी नाम से पहचाना जाता है. व्यवसाय में अपनी पहचान क्यों छिपाएँ?” जो लोग अपना नाम छिपाते हैं, वे इस्लामी सिद्धांतों का भी उल्लंघन कर रहे हैं. कुरान में झूठ बोलने की इजाज़त नहीं है. इस देश में हिंदू और मुसलमान बराबर हैं, अपना नाम बदलने से आपके व्यवसाय को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन अपनी पहचान छिपाना हर दृष्टिकोण से गलत है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *