Aditya-L1: सूर्य मिशन पर निकला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का आदित्य एल-1 आज शाम करीब चार बजे अपनी मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) पर पहुंचने के साथ ही अंतिम कक्षा में स्थापित हो जाएगा. इस कक्षा में आदित्य एल1 करीब 2 वर्ष तक सूर्य का अध्ययन करेगा. बता दें कि इसरो ने अपने सूर्य मिशन अभियान को 2 सितंबर को श्री हरिकोटा से लॉन्च किया था.
एल-1 प्वाइंट के आसपास के क्षेत्र को हेलो ऑर्बिट के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बीच मौजूद पांच जगहों में से एक है, यहा दोनों पिंडों का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के बीच साम्यता है. अर्थात यहां दोनों पिंडों की गुरुत्व शक्ति एक दूसरे के प्रति संतुलन बनाती है. पृथ्वी और सूर्य के बीच इन पांच स्थानों पर स्थिरता मिलती है, जिससे यहां मौजूद वस्तु सूर्य या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में नहीं फंसती है.
एल-1 बिंदु पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है. यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का मात्र 1 प्रतिशत है. बता दें कि दोनों पिंडों की कुल दूरी 14.96 करोड़ किलोमीटर है. इसरो के एक वैज्ञानिक का कहना है कि हेलो ऑर्बिट सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घूमने के साथ-साथ घूमेगा.
Aditya-L1: आखिरी पड़ाव बेहद महत्वपूर्ण
दरअसल, आदित्य एल-1 करीब 15 लाख किलोमीटर के लंबे सफर के आखिरी पड़ाव में पहले ही पहुंच चुका है, जो बेहद महत्वपूर्ण है. वहीं, सूर्य मिशन को लेकर इसरो के प्रमुख ने बताया कि शनिवार शाम आदित्य एल1 अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा. थ्रस्टर्स की मदद से आदित्य एल-1 (Aditya-L1) को हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा, ताकि अलग-अलग कोण से सूर्य को देखा जा सके. एल-1 बिंदु पर रहने से यह पृथ्वी के लगातार संपर्क में रहेगा.
सूईट पेलोड होगा सबसे पहले एक्टिव
आपको बता दें कि शुक्रवार को आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में सफर करते हुए 126 दिन पूरे हो गए. आदित्य ने अपनी यात्रा शुरू करने के 16 दिन बाद यानी 18 सितंबर से वैज्ञानिक डाटा एकत्र करना और सूर्य की इमेजिंग शुरू कर दी थी. वैज्ञानिकों को अब तक एल-1 से सौर ज्वालाओं के हाई-एनर्जी एक्स-रे, फुल सोलर डिस्क इमेज मिल चुके हैं. फिलहाल पीएपीए और एएसपीईएक्स के सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर समेत चार उपकरण एक्टिव हैं और अच्छी तरह से काम कर रहे हैं. वहीं, हेलो आर्बिट में पहुंचने के बाद आदित्य एल1 में लगे सूईट पेलोड सबसे पहले एक्टिव होगा.
Aditya-L1: पर सात पेलोड हैं तैनात
दरअसल, आदित्य एल1 (Aditya-L1) पर सात वैज्ञानिक पेलोड तैनात किए गए हैं. इनमें विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफ (वीईएलसी), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (सूइट), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (सोलेक्सस), हाई-एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (हेल1ओएस) शामिल हैं, जो सीधे तौर पर सूर्य को ट्रैक करेंगे. जबकि तीन इन-सीटू (मौके पर) मापने वाले उपकरण हैं, जिनमें आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स), प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (पीएपीए), और एडवांस थ्री डाइमेंशनल हाई रिजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर (एटीएचआरडीएम) शामिल हैं.
इसे भी पढ़े:-Aaj Ka Rashifal: कुभं और मीन राशि के जातकों को आर्थिक मामलों में रहना होगा सावधान, जानिए दैनिक राशिफल