नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अग्निपथ योजना को बरकरार रखने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को इस तरह अब सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। हांलाकि अग्निपथ योजना के आने से पहले एयरफोर्स में नियुक्ति के लिए इंतजार कर रहे उम्मीदवारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ द्वारा हिा गया कि अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले सेनाओं के लिए रैलियों, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट जैसी भर्ती प्रक्रियाओं के द्वारा चुने गए उम्मीदवारों के पास नियुक्ति का निहित अधिकार नहीं है। हांलाकि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गोपाल कृष्ण और एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘क्षमा करें, हम हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे। हाईकोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार किया था।’
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अग्निपथ योजना शुरू करने से पहले भारतीय वायु सेना में भर्ती से संबंधित एक तीसरी ताजा याचिका पर 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए मंजूरी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भारतीय वायुसेना में भर्ती से संबंधित तीसरी याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र की योजना को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत जताई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय हित में तैयार की गई थी।