पटना। बिहार राज्य के सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाएगा जिसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। इसमें कुल 4606 करोड़ 97 लाख की लागत आएंगी। पहले चरण में 60 और दूसरे चरण में 89 कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। सभी आईटीआई में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को देने के लिए नई मशीनें स्थापित की जाएंगी और साथ ही इसका टाटा टेक्नोलॉजी के साथ जल्द ही करार होगा।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने में जो खर्च होगा उसका 88 प्रतिशत हिस्सा टाटा टेक्नोलॉजी ही देगी। शेष 12 प्रतिशत राशि का वहन राज्य सरकार करेगी। पहले चरण में 262 करोड़ 68 लाख और दूसरे चरण में 389 करोड़ 66 लाख राज्य सरकार खर्च करेगी, जिसकी स्वीकृति कैबिनेट ने दी है जिसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव ने दी। कुल 14 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है, इसमें इको-पर्यटन के विकास के लिए एक अलग संभाग बनेगा।
कैबिनेट ने इन पदों सहित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में 291 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है। राजगीर के नेचर सफारी के स्थाई संचालन के लिए भी 38 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई तथा साथ ही 35 वाहनों की खरीद की भी मंजूरी मिली है। राजगीर जू सफारी के बेहतर संचालन के लिए 29 अतिरिक्त पद सृजित हुए हैं।