फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए लाभकारी है ‘अर्धचंद्रासन’

फिटनेस। स्वस्थ मन और शरीर के लिए नियमित योगाभ्यास करना बेहद फायदेमंद होता है। योग में अर्धचंद्रासन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे हम हॉफ मून पोज के नाम से भी जानते हैं। एक पैर पर बॉडी बैलेंस बनाने का अभ्यास ही, अर्धचंद्रासन होता है। इसके नियमित अभ्‍यास से बॉडी बैलेंस सही रहता है। अर्धचंद्रासन का अभ्यास बेहतर डाइजेशन, बेहतर फ्लैक्सिबिलिटी, लोअर बैक पेन, स्ट्रेस और ब्लड सर्कुलेशन जैसी कई समस्याओं में लाभकारी होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अर्धचंद्रासन का अभ्यास ना केवल फिजिकल हेल्थ के लिए बल्कि मेंटल हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। अर्धचंद्रासन करने से माइंड फंक्शन बेहतर होता है और स्ट्रेस दूर रहता है। आइए जानते हैं अर्धचंद्रासन के हेल्‍थ बेनिफिट्स-

स्ट्रेस से छुटकारा पाने में सहायक:-

अर्धचंद्रासन  का अभ्यास मेंटल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। अर्धचंद्रासन का अभ्यास करने से ब्रेन में ब्लड फ्लो सही रहता है और ब्रेन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है, जो ब्रेन सेल्स के लिए बेहद जरूरी है। अर्धचंद्रासन का नियमित अभ्यास करने से मेंटल स्ट्रेस, तनाव, चिंता और एंजाइटी की समस्या से छुटकारा मिलता है।

कब्ज की समस्या में लाभकारी:-
अर्धचंद्रासन का अभ्यास करने से डाइजेशन सही रहता है और पेट संबंधित सभी परेशानियों का खतरा कम हो जाता है। नियमित योग अभ्यास करने से कब्ज की समस्या नहीं होती है, क्योंकि अर्धचंद्रासन का अभ्यास करने से बॉडी में डाइजेस्टिव एंजाइम्स को बढ़ावा मिलता है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। जिन लोगों को कब्ज की पुरानी समस्या रहती है, डॉक्टर उन्हें भी नियमित योगाभ्यास करने की सलाह देते हैं।

कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के लिए फायदेमंद:-
अर्धचंद्रासन का अभ्यास करने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बढ़ावा मिलता है और कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर आदि का खतरा कम होता है। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में हार्ट संबंधित समस्याओं का खतरा काफी बढ़ गया है, ऐसे में हेल्दी रहने के लिए नियमित अर्धचंद्रासन का अभ्यास करना फायदेमंद होता है।

स्पाइन फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में सहायक:-
अर्धचंद्रासन का अभ्यास करने से बॉडी बैलेंस बेहतर होता है और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार नियमित अर्धचंद्रासन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी फ्लैक्सिबल होती है और कमर दर्द की समस्या में राहत मिलती है।

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