BRICS Countries: वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले देशों के समूह ब्रिक्स का अब विस्तार हो गया है. दरअसल, अब मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी इस समूह का हिस्सा बन चुके है, जिसके बाद से इस समूह की संख्या पांच से बढ़कर दस हो गई है.
हालांकि अर्जेंटीना ने भी पूर्णकालिक सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन वहां के नए राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने ऐन वक्त पर यह कहते हुए अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था कि हमारे लिए सदस्यता का यह सही समय नहीं है.
BRICS Countries: पिछले साल दी गई थी प्रस्ताव को मंजूरी
आपको बता दें कि पिछले वर्ष 2023 के अगस्त में जोहानिसबर्ग में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में समूह के नेताओं ने एक जनवरी से अर्जेंटीना समेत छह देशों को इससे जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. हालांकि इससे पहले इस समूह में सिर्फ ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे. लेकिन अब इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) देश भी शामिल हो गए है.
BRICS Countries: क्या है ब्रिक्स?
दरअसल, ब्रिक्स दुनिया की पाँच सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है.ब्रिक्स अंग्रेज़ी के अक्षर B R I C S से बना वो शब्द है, जिसमें हर अक्षर एक देश का प्रतिनिधित्व करता है.ये देश ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका हैं. बता दें कि पहली बार साल 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जी-8 समूह के शिखर सम्मेलन के साथ ही ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन यानी ब्रिक के नेताओं ने पहली बार मुलाक़ात की थी.
BRICS Countries: साल 2050 तक ये देश होंगे प्रमुख सप्लायर
बता दें कि ये वो देश हैं जिनके बारे में कुछ जानकारों का मानना है कि साल 2050 तक वे विनिर्माण उद्योग, सेवाओं और कच्चे माल के प्रमुख सप्लायर यानी आपूर्तिकर्ता हो जाएंगे. उनका कहना है कि चीन और भारत विनिर्माण उद्योग और सेवाओं के मामले में पूरी दुनिया के प्रमुख सप्लायर हो जाएंगे जबकि रूस और ब्राज़ील कच्चे माल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हो जाएंगे.
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