नई दिल्ली। देश के दिव्यांगजनों को उनका पूरा अधिकार दिलाने के लिए केंद्र सरकार केंद्र, राज्यों और स्थानीय निकायों के 10 हजार अधिकारियों को प्रति वर्ष विशेष प्रशिक्षण देगी। पांच मॉड्यूल में बंटे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिकारियों को अपने विभागों में काम कर रहे दिव्यांगजनों और उनके संबंधित विभागों में आ रहे दिव्यांगजनों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा। इस कार्यक्रम को पारंपरिक माध्यमों के साथ-साथ डिजिटल मोड में स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे इसका व्यापक लाभ मिल सके। अधिकारियों को दिव्यांगों से बातचीत करने, उनकी भावनाओं को समझते हुए उनके आत्मसम्मान को बनाए रखते हुए उनके कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। अब तक चार साल में केवल 12,910 अधिकारियों को ही इस कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित किया गया था। लेकिन बदले समय में दिव्यांगों को मिल रही प्राथमिकता और उसका समाज पर पड़ रहे सकारात्मक असर को देखते हुए अब सरकार प्रति वर्ष 10 हजार अधिकारियों को प्रशिक्षित करेगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय यह कार्यक्रम रिहैबिलेशन काउंसिल ऑफ इंडिया के माध्यम से संचालित किया जाएगा। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा से यह साबित कर दिया है कि यदि उन्हें पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराया जाए तो वे सबसे बेहतर काम करके दिखा सकते हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण टोक्यो में आयोजित पैरालंपिक खेलों के दौरान दिखाई पड़ा जब हमारे 54 दिव्यांग खिलाड़ियों के दल ने 19 पदक जीतकर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया। इसके पूर्व के पैरालंपिक में केवल 19 खिलाड़ियों का दल गया था और वह केवल चार पदक ही जीत पाया था। लेकिन केवल चार साल में दिव्यांग खिलाड़ियों की क्षमता में आया सुधार यह साबित करता है कि यदि उन्हें उचित अवसर उपलब्ध कराया जाता है तो वे बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखा सकते हैं। मंत्री ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों की इसी विशेष क्षमता को उभारने के लिए ग्वालियर में विशेष स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है, जहां पुरूष-महिला दिव्यांग खिलाड़ियों को अलग-अलग छात्रावास, अलग-अलग खेलों में देश-विदेश के सबसे बेहतरीन कोच उपलब्ध कराए जाएंगे। अगले ओलंपिक के पूर्व तैयार होने वाले इस स्टेडियम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कराया जा सकता है।