जम्मू-कश्मीर। कश्मीर के कुपवाड़ा में 9 और 10 अक्टूबर को भारतीय सेना ने मुख्य रूप से महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए माछिल सेक्टर के निवासियों के लिए संगीत समारोह के माध्यम से एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया। माछिल कुपवाड़ा जिले के उत्तर में स्थित है, जहां साक्षरता दर बहुत कम है। इस क्षेत्र की महिलाएं आम तौर पर गृहिणी हैं या वे कृषि और पशुपालन से जुड़ी हुईं हैं। सेना ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य दुनिया भर की महिलाओं द्वारा किए गए परिवर्तनों से उन्हें परिचित कराना था। कार्यक्रम ‘मेरी जिंदगी’ भारत की पहली महिला मिशन रॉक बैंड द्वारा आयोजित किया गया था। सेना ने कहा कि वो दिन गए जब महिलाएं सामाजिक बंधन में जकड़ी हुईं थीं। आधुनिक दुनिया में स्त्री और पुरुष को एक गाड़ी के दो पहिये माना जाता है। समाज तभी फलता-फूलता है जब कोई बाधा और असमानता न हो। वर्तमान में महिलाएं विश्व स्तर पर हर क्षेत्र और पेशे में सक्रिय रूप से शामिल हैं और साबित करती हैं कि वो पुरुषों से कम नहीं हैं। लेकिन अभी भी दुनिया भर में कई जगह महिलाओं को प्रतिबंधों की बाधाओं को तोड़ना है जो उन्हें फलने-फूलने और समाज में योगदान करने के लिए सीमित करते हैं। बताया कि कार्यक्रम के दौरान महिला मिशन रॉक बैंड के सदस्यों ने शिक्षा, मासिक धर्म स्वच्छता, मौलिक अधिकार, आत्मनिर्भरता, और रोजगार के बारे में जागरूकता के लिए महिलाओं और युवा लड़कियों के साथ सेक्टर के गांवों का दौरा किया। बैंड ने गांवों में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किए। ‘मेरी जिंदगी’ महिला मिशन रॉक बैंड देश का पहला महिला मिशन रॉक बैंड है जिसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। यह अपने अनूठे और स्व-निर्मित संगीत से समाज में महिलाओं के कल्याण, जागरूकता और उत्थान के लिए लगातार काम कर रहा है।