नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच भारत के लिए एक खुशखरी है। भारत में गणतंत्र दिवस को नाक से दी जाने वाली पहली करोना वैक्सीन लॉन्च की जाएगी। भारत बायोटेक अपनी इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन INCOVACC लॉन्च करेगी। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने इसकी जानकारी दी है। कृष्णा एला ने गाय और अन्य मवेशयों को अपनी चपेट में लेने वाली लंपी त्वचा रोग के लिए भी स्वदेशी टीका लंपी-प्रोवैकइंड लॉन्च करने की बात भी कही। इसे अगले महीने तक लॉन्च किया जा सकता है।
वैक्सीन के बारे में जानें-
नेजल वैक्सीन को भारत बायोटेक ने वॉशिंगन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर बनाया है। भारत बायोटेक ने ही कोरोना की पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन भी तैयार की थी।
- भारत बायोटेक ने नाक से दी जाने वाली इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा है। पले इसका नाम BBV154 था।
- इस वैक्सीन को नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। शरीर में जाते ही यह वैक्सीन कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है।
- नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा रहा है। इसलिए इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। यानी इसे इंजेक्शन से देने की जरूरत नहीं है और न ही ओरल वैक्सीन की तरह ये पिलाई जाती है। यह एक तरह से नेजल स्प्रे जैसी है।
नाक के जरिए दिए जाएंगे चार ड्रॉप्स :-
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, नेजल वैक्सीन को अभी बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। जिन लोगों को कोवैक्सिन या कोवीशील्ड के दो-दो डोज लग चुके हैं, उन्हें ये नेजल वैक्सीन बूस्टर डोज के रूप में दी जाएगी। हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन की एक डोज भी नहीं लगी है, उन्हें इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी दिया जा सकता है। इसके चार ड्रॉप्स हर एक शख्स को दिए जाएंगे। यानि दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी। कंपनी की तरफ से ये नेजल वैक्सीन सरकार को 325 रुपये प्रति शॉट और निजी टीकाकरण केंद्रों को 800 रुपये प्रति शॉट के हिसाब से दी जाएगी।