नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान वे द्वीप राष्ट्र को एक तेज गति वाला गश्ती पोत और एक लैंडिंग क्राफ्ट भारत की तरफ से तोहफा देंगे। आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने उनके मालदीव दौरे के बारे में जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह मालदीव के लिए एक मई को रवाना होंगे, जहां वे तीन मई तक रहेंगे। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि रक्षामंत्री की मालदीव यात्रा दोनों देशों के बीच दोस्ती का एक मजबूत बंधन बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात करेंगे। साथ ही उनका द्वीप राष्ट्र के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद और अपने समकक्ष मारिया दीदी के साथ भी बातचीत करने का प्रोग्राम है। उनसे पहले, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने पिछले महीने मालदीव का दौरा किया था।
मालदीव को देंगे तोहफा
मंत्रालय ने बताया कि मित्र देशों और क्षेत्र में भागीदारों की क्षमता निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट उपहार के तौर पर देंगे। इसके अलावा, मालदीव में विभिन्न भारत-सहायता प्राप्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन का भी निरीक्षण करेंगे। साथ ही अपने दौरे के दौरान रक्षामंत्री वहां रहने वाले प्रवासी भारतीयों के साथ भी बातचीत करेंगे। मालदीव के रक्षा और विदेश मंत्रियों के साथ सिंह की बातचीत को लेकर रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा कि रक्षा और विदेश मंत्रियों के साथ वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत और मालदीव समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कट्टरवाद, समुद्री डकैती, तस्करी, संगठित अपराध और प्राकृतिक आपदाओं सहित साझा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि समुद्र को लेकर भारत की नीति कि अपने ‘पड़ोसी पहले’ के साथ-साथ मालदीव ‘भारत पहले’ नीति के साथ हिंद महासागर क्षेत्र के भीतर क्षमताओं को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए मिलकर काम करना चाहता है।
बता दें कि मालदीव भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। पिछले वर्ष अगस्त में, पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने भारत द्वारा वित्त पोषित ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) शुरू किया था। इस परियोजना के तहत, मालदीव की राजधानी माले को विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ने के लिए 6.74 किमी लंबा पुल और कॉजवे लिंक बनाया जाएगा।