एस्ट्रोलॉजी। रक्षाबंधन पर्व सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ये पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए बहनें भाई के सुखी जीवन और लंबी आयु की कामना करती हैं। रक्षाबंधन पर्व हिंदू धर्म में पौराणिक समय से ही मनाया जा रहा है। पहले मजबूत रेशमी धागे से राखी बनती थी, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाती थी।
लेकिन आज के समय में रंग-बिरंगी और नए-नए डिजाइन की राखियां मिलने लगी हैं। बहने अपने भाइयों के लिए महंगी और सुंदर दिखने वाली राखी खरीदने की कोशिश करती हैं। आज कल बाजार में कुछ राखियां ऐसी भी आने लगी हैं जो देखने में काफी अच्छी लगती हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इन्हें भाई की कलाई पर बांधना शुभ नहीं होता है। इसलिए राखी बांधते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं राखी खरीदते और बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
इस रंग की राखी न बांधे:-
हिंदू धर्म में काले रंग को अशुभ माना जाता है। ये रंग नकारात्मकता का प्रतीक कहा जाता है। शुभ कार्यों में भी इसका प्रयोग वर्जित माना गया है। इसलिए जिस राखी में काला धागा या किसी भी प्रकार से काले रंग का प्रयोग किया गया हो, उसे न तो खरीदें और न ही भाई की कलाई पर बांधें।
ऐसी राखी भी न खरीदें:-
आजकल बाजार में कई तरह की राखियां उपलब्ध हैं। छोटे बच्चों के लिए अलग-अलग कार्टून वाली राखियां मिलने लगी हैं। ऐसे में भाई के लिए राखी खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उस पर किसी तरह का कोई अशुभ चिह्न न बना हो। ऐसी राखियां भाई के जीवन में नकारात्मकता लाती हैं।
न बांधे देवी-देवता की तस्वीर वाली राखी :-
आजकल बाजार में देवी-देवताओं की तस्वीर या चिह्न वाली राखियां उपलब्ध हैं। बहुत सी बहनें इसे शुभ समझ कर खरीद लेती हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस तरह की राखियां आपके भाई की कलाई पर काफी समय तक बंधी रहती हैं, जिसकी वजह से ये अपवित्र भी हो जाती है। कभी-कभी ये टूट कर गिर भी जाती हैं। जिससे भगवान का अपमान होता है, जिसका अशुभ परिणाम भविष्य में भुगतना पड़ सकता है।
खंडित राखी बांधने से बचें:-
आजकल राखियां खरीदने के लिए बाजारों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है। कई बार अधिक भीड़ और जल्दबाजी के चक्कर में आप खंडित राखी खरीद लेती हैं। यदि ऐसी राखी आपके पास आ जाए तो इसे भाई की कलाई पर न बांधें, क्योंकि खंडित चीजें शुभ काम के लिए सही नहीं मानी जाती हैं।