वास्तु। इस साल धनतेरस का त्योहार 22 अक्टूबर को है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू, धनिया, मकान, वाहन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में शाम के समय माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। इससे परिवार में सुख, समृद्धि, धन, ऐश्वर्य का आगमन होता है। दरिद्रता दूर होती है और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। धनतेरस के अवसर पर वास्तु से संबंधित कुछ उपायों को करने की जरूरत होती है, जो आपके घर की सुख और शांति के लिए जरूरी होता है। आइए जानते हैं धनतेरस पर किए जाने वाले वास्तु उपायों के बारे में-
- धनतेरस के दिन सबसे पहले आप माता लक्ष्मी, गणेश जी और धन के देवता कुबेर के स्वागत के लिए घर और आसपास की अच्छे से साफ-सफाई कर लें। घर में पेंटिंग करा लें ताकि घर साफ और सुंदर लगे। इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है। माता लक्ष्मी का वास भी ऐसे ही स्थानपर होता है।
- अपने घर के मुख्यद्वार पर स्वस्तिक के निशान बनाएं। स्वस्तिक चिह्न को बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में शुभता और सकारात्मकता बढ़ती है,नकारात्क शक्तियां दूर होती हैं।
- घर के मुख्यद्वार पर माता लक्ष्मी के चरण चिह्नों को स्थापित करें। यह बाहर से घर में अंदर आते हुए होना चाहिए। यह बेहद ही शुभ माना जाता है।इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दरिद्रता दूर होती है।
- घर और पूजा घर के दरवाजे पर बंदनवार लगाकर सजाएं। इसमें आम और अशोक के पत्ते लगाए जाते हैं। आम और अशोक के पत्ते शुभ मानेजाते हैं।
- धनतेरस के दिन शाम के समय में जब आप पूजा करने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति नई हो। पुरानीमूर्ति को हटा दें।
- पूजा के लिए जो भी मूर्ति है, वह खंडित नहीं होनी चाहिए। खंडित मूर्ति की पूजा करना वर्जित है।
- धनतेरस पर पूजा करते समय आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। ये दोनों ही दिशाएं शुभ होती हैं और सकारात्मक शक्तियों कोबढ़ाने वाली मानी जाती हैं।
- धनतेरस के अवसर पर आप देवी देवताओं के स्वागत के लिए रंगोली बनाएं और उसमें लाल, पीले, हरे रंगों का उपयोग करें। काले रंग का उपयोग न करें। लाल, पीले, हरे रंग का शुभता का प्रतीक मानते हैं।