एस्ट्रोलॉजी। आज नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। नाग पंचमी हिंदू धर्म का पावन पर्व माना जाता है। आज के दिन नाग देवता की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। पौराणिक काल से ही सांपों को देवताओं की तरह पूजा जाता है।
नाग पंचमी के अवसर पर की जाने वाली पूजा से राहु-केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में….
- मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन चांदी से निर्मित नाग-नागिन का जोड़ा बनवाएं और उसका पूजन करने के पश्चात् बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
- नाग पंचमी के दिन अगर संभव हो तो किसी ऐसे शिव मंदिर में जहां शिव जी की मूर्ति पर नाग नहीं हो वहां प्रतिष्ठित करवाएं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से आपको नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- नाग देवता के साथ भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नाग पंचमी के दिन चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली शिव मंदिर में चढ़ाएं। साथ ही इस दिन शिवजी को चंदन की लकड़ी या चंदन का इत्र चढ़ाएं और नित्य स्वयं लगाएं।
- साथ ही नाग पंचमी के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर विजया, अर्क पुष्प, धतूरा पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं। इससे महादेव की कृपा प्राप्त होगी।
- नाग पंचमी के दिन किसी शिव मंदिर में साफ-सफाई जरूर करें। साथ ही संभव हो तो शिव मंदिर में किसी तरह का नवनिर्माण करा सकते हैं या फिर मंदिर की मरम्मत या उसकी पुताई आदि का भी कार्य करा सकते हैं।
- नाग पंचमी के दिन पूजा के दौरान नीचे दिए मंत्रों का जाप अवश्य करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी-
‘नागेन्द्रहाराय ॐ नम: शिवाय‘
‘ॐ नागदेवतायै नम:‘ या नाग पंचमी मंत्र ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोद्यात्.‘