योग। रोजाना ऑफिस में घंटों डेस्क पर एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने वाले लोगों को कई तरह की समस्या हो सकती हैं। अधिकतर दफ्तर का कार्य लगभग 9 से 10 घंटे का होता है, जिसके कारण कर्मचारी के मन और शरीर दोनों पर ही प्रभाव पड़ सकता है। दिनभर बैठे बैठे काम करने से सिरदर्द, थकान और स्ट्रेस की समस्या होना जायज है। वहीं कई लोगों को कमर और पीठ में दर्द की शिकायत होने लगती है। इसके अलावा चर्बी भी बढ़ने लगती है।
बिना शारीरिक सक्रियता के कुर्सी पर बैठकर काम करने से मोटापा बढ़ता है और पेट निकलने लगता है। हालांकि एक्सपर्ट लगातार बैठे-बैठे दफ्तर का काम करने के कारण होने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए योग के अभ्यास की सलाह देते हैं। योग शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट रखता है। व्यस्त लाइफस्टाइल में यदि आपके पास योगाभ्यास समय नहीं रहता तो दफ्तर में ही कुछ योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है। ऑफिस में कुर्सी पर बैठे-बैठे योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऑफिस में आसानी से कुर्सी पर बैठकर किए जाने वाले योगाभ्यास के बारे में।
ऑफिस में करें स्ट्रेचिंग :-
ऑफिस में बैठकर आप आसानी से स्ट्रेचिंग करके दिनभर की थकान और शरीर में होने वाले दर्द से आराम पा सकते हैं। स्ट्रेचिंग ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है और मांसपेशियों में हो रहे दर्द से छुटकारा मिलता है। स्ट्रेचिंग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदा मिलता है।
स्ट्रेचिंग करने का तरीका :-
ऑफिस में बैठकर स्ट्रेचिंग करने के लिए सबसे पहले अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और दोनों हाथों को सिर के ऊपर लाएं। अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर क्रॉस करके शरीर को कमर के ऊपर की ओर खींचे और हाथों पर जोर दें। सांस को अंदर खींचते हुए हाथों और शरीर के ऊपर भाग को स्ट्रेच करें। तीन से चार बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
चेयर पोज :-
तनाव, सिरदर्द, कमर दर्द और बदन दर्द से राहत पाने के लिए ऑफिस में चेयर पोज का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अभ्यास से कमर, रीढ़ की हड्डियों और पैरों को मजबूती मिलती है। छाती, पीठ के निचले हिस्से को फायदा मिलता है। इस आसन को मार्जरी-बितिलासन भी कहते हैं।
चेयर पोज करने का तरीका :-
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले चेयर पर बैठकर रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और दोनों दोनों पैरों को फर्श पर रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों को पैरों के घुटनों पर रखकर लंबी सांस को भीतर की ओर खींचते हुए सीने को बाहर की ओर निकालें। इसके बाद कंधे को पीछे की ओर ले जाएं और धीरे धीरे सांस छोड़ें। रीढ़ की हड्डी को पीठ की तरह ले जाकर मोड़ें। इस आसन को कम से कम पांच बार दोहराएं।
ऊर्ध्व हस्तासन :-
ऊर्ध्व हस्तासन को करने से तनाव कम होता है। शारीरिक संतुलन बेहतर बनता है और रीढ़ की हड्डी सीधा रखने में मदद मिलती है, जिससे गर्दन, कमर और पीठ का दर्द कम होता है।
ऊर्ध्व हस्तासन करने का तरीका :-
इस आसन का अभ्यास करने के लिए कुर्सी पर बिल्कुल सीधा बैठकर सांस को अंदर की ओर खींचे और दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। कुछ देर इसी पोज में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आएं। इस योग को 10 से 15 बार दोहराएं।