पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ज्ञान का संदेश दुनियां में सबसे बड़ा दान है। सबसे बड़ी दक्षिणा क्या है ? हीरा-मोती, चांदी! धर्म शास्त्र कहते हैं, किसी को ज्ञान दे दो, इससे बड़ी कोई दक्षिणा नहीं है। वे दुनियां के सबसे बड़े दानी हैं जो ज्ञान का दान देते हैं। श्रोता उसका मूल्य कभी नहीं चुका सकता, कभी नहीं चुका सकता। अपनी श्रद्धा के सुमन ही व्यक्ति समर्पित कर सकता है। जैसे पारस की कीमत लगाने वाले कितनी लगाओगे? दुनियां में हर वस्तु की कीमत हो सकती है, हीरा कितने का है। कितने कैरेट का है लेकिन पारसमणि की कोई कीमत नहीं है इसी तरह ज्ञान की कोई कीमत नहीं है। इसीलिए सबसे बड़ा दान है ज्ञान का दान। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)