गुजरात। गुजरात सरकार नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए एक इनाम योजना लेकर आई है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कह कि इस योजना के तहत चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या निजी व्यक्ति, को प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के संबंध में जब्त मूल्य का 20 प्रतिशत तक नकद राशि दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब गुजरात अपनी लंबी तटरेखा के कारण अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से तस्करी की जाने वाली दवाओं जैसे- ड्रग्स, हेरोइन, गांजा, चरस आदी के लिए प्रवेश बिंदु के रूप में उभरा है। पिछले महीने कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह से करीब 21,000 करोड़ रुपये की 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। हमें ड्रग सप्लायर्स और पेडलर्स के नेटवर्क को खत्म करना होगा वरना यह कमजोर युवाओं को बर्बाद कर सकता है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मीडिया से कहा कि यह योजना कुछ समय से चर्चा में थी और राज्य सरकार ने बुधवार को इसे लागू करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों द्वारा नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं, चाहे वह किसी भी सरकारी विभाग से हो या जनता से हों, एनडीपीएस अधिनियम के तहत सूचीबद्ध जब्त दवाओं के मूल्य का 20 प्रतिशत तक इनाम होगा। संघवी ने कहा कि इनाम की राशि अनुग्रह राशि के रूप में दी जाएगी और सक्षम राज्य अधिकारियों द्वारा तय की जाएगी। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि सरकारी सेवकों के लिए, उनके पूरे सेवा कार्यकाल के दौरान इस पुरस्कार की ऊपरी सीमा 20 लाख रुपये होगी, जबकि एक मामले में व्यक्तिगत कर्मियों या अधिकारी को अधिकतम 2 लाख रुपये का भुगतान किया जा सकता है। सरकारी कर्मचारियों को पुरस्कृत नहीं किया जाएगा यदि उन्होंने अपने कर्तव्यों के हिस्से के रूप में प्रतिबंधित जब्ती में भूमिका निभाई है। इस योजना के नियमों के अनुसार अतिरिक्त जोखिम उठाने वालों को ही इनाम दिया जाएगा। नशा हमारे समाज को कमजोर कर रहा है और करेगा। इसलिए युवाओं का इससे दूर रहना जरूरी है। यह नशीली दवाएं एक अस्थायी उच्च भावना दे सकती हैं, लेकिन लंबे समय में यह हमारे शरीर को अपरिवर्तनीय क्षति पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स कहां बेचा जा रहा है, यदि किसी युवा को पता है चले तो उसे पुलिस और राज्य के गृह विभाग को सूचित करना चाहिए।