नई दिल्ली। इस वर्ष सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने वाले अनेक कार्य हुए और भारत रक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम रहा। दुनिया में भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से हमेशा सम्मान हासिल किया है और इस साल भी ऐसा ही हुआ। एलएसी पर चीन की नापाक हरकतों का मुहंतोड़ जवाब देते हुए देश ने अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत किया। दरअसल चीन की सीमा पर 2020 में जो तनाव शुरू हुआ था, वह पूर्णतया समाप्त नहीं हुआ है।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश से लद्दाख तक, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा तक अपनी सैन्य तैयारी बढ़ा रखी है और साथ ही पाकिस्तान सीमा पर बढ़ती आतंकी घुसपैठ व गोलीबारी के कारण चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऐसे में भारत सरकार ने चीन और पाकिस्तान की इन हरकतों से निपटने के लिए अपने जवानों को आक्रामक तौर पर मजबूती प्रदान की है। सैन्य ताकत बढ़ाने के उद्देश्य से सेना को 15 दिनों के गहन युद्ध के लिए हथियार और गोला बारूद एकत्र रखने की छूट भी दी गई।
पूर्वी लद्दाख में हाड़ जमा देने वाली ठंड में सेना के 50 हजार जवान तैनात हैं। और इनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए डीआरडीओ ने कई ऐसी चीजें विकसित की हैं, जो सैनिकों को काफी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। सेना की आपूर्ति व्यवस्था में परेशानी न आए, इसके लिए सीमा पर सड़कों के निर्माण ने स्थिति को और बेहतर बनाया है। इस वर्ष कई हथियारों का परीक्षण किया गया जिसके बाद उन्हें सेना को सौंप दिया गया जिससे मिलने के बाद सेना और मजबूत हुई।