रिलेशनशिप में ओवरथिंकिंग से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

रिलेशनशिप। रिलेशनशिप में थोड़ी सी परेशानी होने पर कई लोग जरूरत से ज्‍यादा स्‍ट्रेस में आ जाते हैं या एंजाइटी अनुभव करने लगते हैं। यह समस्‍या किसी भी रिश्‍ते में समस्‍या पैदा कर सकती है। कई बार आपकी सोच आपके बर्ताव, काम और मानसिक शांति को प्रभावित करने लगती है। ओवरथिंकिंग की आदत ना केवल मानसिक सेहत पर बुरा असर डालती है,  बल्कि फिजिकल हेल्‍थ भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। आपकी ये परेशानी रोजमर्रा के कामों को भी डिस्‍टर्ब करने लगती है और आप कई बार एंजाइटी डिसऑर्डर, साइकोलॉजिकल और इमोशनल स्‍ट्रेस की चपेट में आने लगते हैं। इसकी वजह से आपका प्रोडक्‍शन पावर, रिलेशिनशिप, परफॉरमेंस आदि सभी प्रभावित होते लगते हैं। आइए जानते हैं ओवरथिंकिंग की आदत से कैसे बचें-

अलर्ट रहें:- 

इस बात पर ध्‍यान दें कि आप किन विषयों को लेकर अधिक चिंता करने लगे हैं। अगर आप किसी  खास विषय को लेकर सोचते-सोचते एंजाइटी महसूस करने लगे हैं तो ध्‍यान दें कि कहीं आप ओवरथिंकिंग तो नहीं कर रहे। अगर आप खुद की सोच को लेकर अलर्ट हो जाएंगे तो अपने इमोशन को कंट्रोल करने और ओवरथिंकिंग को रोकने में मदद मिलेगी।

डायरी में लिखें:- 

अगर आप अपने पार्टनर के बर्ताव या रिलेशनशिप को लेकर जरूरत से ज्‍यादा परेशान हो रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने ओवरथिंकिंग से जुड़े टॉपिक को डायरी में लिखना शुरू करें। आप उन बातों की लिस्‍ट बना सकते हैं जिन्‍हें सोचते-सोचते आप परेशान हो जाते हैं या एंग्‍जायटी महसूस करते हैं।

विकल्‍प निकालें:- 

अगर आप किसी सिचुएशन को लेकर परेशान हैं तो बेहतर होगा कि आप आप उनसे जुड़ी परेशानियों के हल का विकल्‍प निकालें। अगर आपके पास विकल्‍प होगा तो आप कम परेशान होंगे। जैसे- आप उनसे बात करें, उनकी परेशानियों को जानने का प्रयास करें आदि।

परेशानियों को ना करें इग्‍नोर:-

आप किसी बात को लेकर परेशान हैं तो उन्‍हें इग्‍नोर करने के बजाय आप उन समस्‍याओं का हल निकालें। लेकिन यह भी तय करें कि आप कितने समय में इन समस्‍याओं का हल निकाल लेंगे। इसके लिए समय निर्धारित करें।

वर्तमान के बारे में सोचें:-

अगर आप पिछली गलतियों या घटनाओं को लेकर परेशान हैं तो बेहतर होगा कि उन परेशानियों को खत्‍म करें और वर्तमान के बारे में सोचें।

खुद को रखें डिस्‍ट्रैक्‍ट:- 

अगर आपको पुरानी बातें परेशान कर रही हैं तो आप उस पर अधिक सोचने की बजाय अपनी हॉबीज पर काम करें। मसलन, दोस्‍तों के साथ घूमने जाएं, पेंटिंग, आर्ट, स्‍पोर्ट्स आदि करें।

 

 

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