रिलेशनशिप। आजकल लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप बहुत कॉमन बात हो गई है। लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप यानी लव बर्ड या कपल का एक साथ एक ही शहर में ना रहना। एक दिल्ली में तो दूसरा मुंबई में रहता हो। कई बार लोगों को अपने काम के कारण भी एक-दूसरे से दूर जाकर रहना पड़ता है। इस तरह के रिश्ते में ही प्यार करने वालों की सही पहचान भी हो जाती है कि वे एक-दूसरे से दूर रहकर भी एक-दूसरे के लिए कितने लॉयल हैं। उनका प्यार कितना सच्चा है। लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में आप जब चाहे एक-दूसरे से मिल नहीं सकते। आप सिर्फ फोन, वीडियो कॉल, चैटिंग के जरिए ही बात कर पाते हैं। हालांकि, इसके कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है। कई बार इस तरह के रिश्ते मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करने लगते हैं।
मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप :-
कई बार जब आपको पार्टनर की बेहद याद आती है तो आपको उससे मिलने का मन करता है। उसके साथ बैठकर कुछ पल बिताने का मन करता है, लेकिन ऐसा करना एक-दूसरे के लिए संभव नहीं हो पाता है। आपको इस स्थिति में भी अपनी बातों को शेयर करने के लिए फोन कॉल का सहारा लेना पड़ता है। कई बार ये मानसिक सेहत पर नेगेटिव असर डालने लगता है। जब किसी को परेशानी की घड़ी में उस एक इंसान की बहुत कमी महसूस हो और वो आपके पास ना हो तो इससे आप और भी ज्यादा मेंटली डिस्टर्ब हो सकते हैं। एक स्वस्थ रिश्ते के विकास के लिए लंबी दूरी के संबंध कई बार समस्या से भरे हो सकते हैं। ये मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक तरीकों से भी प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, सभी के साथ ऐसा नहीं होता है।
ब्रेन में क्या होता है जब आप दूर होते हैं :-
जब आप एक ही घर में या अपने साथी के पास नहीं रहते हैं, तो सिर्फ दूरी ही आपके तनाव के स्तर को बढ़ा सकती है। साथ रहने वाले कपल की तुलना में एक लंबी दूरी के रिश्ते में होने पर व्यक्तिगत रूप से आप अधिक रिलेशनशिप स्ट्रेस से गुजरते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से अपने साथी के उतने करीब नहीं होते हैं, इसलिए आपको फील-गुड न्यूरोट्रांसमीटर या हैप्पी हार्मोन डोपामाइन और सेरोटोनिन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है। ये दोनों ही आपके पेट के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। हैप्पी हार्मोन खुशियों को बढ़ाने का काम करता है। इन फील गुड हार्मोन की कमी होने से कई बार लोग मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर से भी ग्रस्त हो जाते हैं।
विश्वास में कमी :-
जब आप अपने पार्टनर से दूर होते हैं तो कुछ लोगों का एक-दूसरे के प्रति विश्वास डगमगाने लगता है। उनके मन में ख्याल आता है कि कहीं वह मुझे धोखा तो नहीं दे रहा है। कहीं उसकी दोस्ती किसी और से तो नहीं हो गई है। इस तरह के नेगेटिव ख्याल मन में आने से मानसिक सेहत प्रभावित होने लगती है। रिश्ते में विश्वास की कमी होने से आपके अंदर डर, चिंता घर करने लगती है। विश्वास की कमी होने से रिश्ते टूटने के कगार पर आ जाते हैं।
बातचीत में कमी :-
लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में बात करने के लिए फोन, मैसेज करना पड़ता है। आप आमने-सामने बैठकर अपने दिल की भावनाओं को शेयर नहीं कर पाते हैं। कई बार ये भी होता है कि व्यस्त होने के कारण कई दिनों तक बात ही ना हो। इससे आपस में कम्यूनिकेशन गैप भी आता है और जरूरत के समय बात ना हो, तो दिल-दिमाग में बेचैनी महसूस होने लगती है। यदि आपका प्यार सच्चा है तो आप हर दिन मैसेज, फोन कॉल पर बात जरूर करें। इससे आपके रिश्ते में एक-दूसरे के लिए भावनाएं, प्यार, जज्बात बरकरार रहेगी। गुड मॉर्निंग, गुड नाइट मैसेज अवश्य करें। ये प्यार भरे मैसेज लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में एक-दूसरे के टच में होने का अहसास कराते हैं।
लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप को हेल्दी बनाने के टिप्स :-
- आप एक-दूसरे से कितने भी दूर रहें, अपने रिश्ते में विश्वास बनाकर रखें। आपस में ईमानदार रहें, चीटिंग करने की कोशिश ना करें।
- अगर एक-दो दिन फोन ना भी आए तो पहले कारण को समझने, जानने की कोशिश करें ना कि फोन पर चिल्लाना शुरू कर दें।
- लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं तो पार्टनर की बात को इग्नोर करने से बचें। हर बात को सुनें और उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश करें।
- आप दोनों दूर रहते हैं, लेकिन जब भी मौका मिले मिलने के लिए चले आएं। एक-दूसरे से मिलने का एक भी मौका ना गवाएं। इससे मन में ये भी भावना आती है कि आपको सच में एक-दूसरे से बेहद प्यार है।
- छोटी-मोटी बातों पर लड़ाई करने से बचें। फोन क्यों नहीं किया, किसके साथ घूम रहे थे आदि शक करने वाली बातें ना करें।
- यदि आपको एक-दूसरे से प्यार है तो रिश्ते के प्रति ईमानदार रहना बहुत जरूरी है। कुछ लोग दूर रहकर चीटिंग करने लगते हैं, जो बिल्कुल सही नहीं है। इससे आपके रिश्ते में खटास आ सकता हैं।