नई दिल्ली। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) की ओर से आयोजित ई-कॉन्क्लेव ‘दिल्ली की सोच-सस्टेनेबल डवलेपमेंट फॉर दिल्ली मेगा सिटी: चैलेंजेज एंड इनोवेटिव सॉल्यूशंस’ में हिस्सा लिया। इस मौके पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिहाज से दूरदर्शी सोच और राजनीतिक नेतृत्व के साथ अगर आगे बढ़े तो जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। आजादी के 75वें साल में यह सोचने की जरूरत है कि 25 साल बाद की दिल्ली कैसे होगी। सरकार की ओर से इसके लिए खाका भी तैयार किया जा रहा है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की श्रमशक्ति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और रोजगार अवसर में बढ़ोतरी के लिहाज से आंगनबाड़ी को सहेली समन्वय केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इससे महिलाएं स्थानीय स्तर पर अपने लघु उद्यम की शुरुआत कर सकेंगी। दिल्ली सरकार बहुत जल्द अपनी स्टॉर्ट अप पॉलिसी शुरू करने जा रही है। इससे युवा उद्यमियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। पिछले 40 वर्षों में जो कुछ हमने खोया है उसे न सिर्फ उसे इकट्ठा कर सकेंगे बल्कि भविष्य की तैयारी भी कर सकेंगे। आजादी के 100 वें साल में देश कैसा हो, इस दिशा में भी आगे बढ़ सकेंगे। केजरीवाल सरकार ने पिछले 5-6 वर्षों में दिल्ली के स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं को शानदार बनाया। कोरोना काल में इस बदौलत ही दिल्ली व आस पास के राज्यों में भी लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया की गईं। बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के बारे में बताते हुए इसके तहत अब तक सरकारी स्कूलों के 3 लाख विद्यार्थियों ने 51,000 से अधिक स्टार्ट अप की शुरुआत की। स्टार्ट अप पर सीड मनी के तौर पर 60 करोड़ रुपये वितरित किए गए।