योग। विशेषज्ञ संपूर्ण शारीरिक और मानसिक फिटनेस के लिए नियमित योगाभ्यास की आदत को काफी फायदेमंद बताते हैं। योग, मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए आवश्यक माने जाते हैं। विशेषज्ञ धनुरासन को सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद बताते हैं। धनुरासन हठ योग में वर्णित 12 आसनों में से एक है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘धनुष मुद्रा’।
धनुरासन अपने आप में योग की काफी उन्नत मुद्रा है। इससे शरीर को होने वाले विशिष्ट स्वास्थ्य लाभ का जिक्र मिलता है। आप इस योग के नियमित अभ्यास के कुछ दिनों के भीतर ही इसके सकारात्मक प्रभावों का अनुभव करना शुरू कर सकते हैं। लेकिन धनुरासन से लाभ प्राप्त करने के लिए इसका सही तरीके से और रोजाना अभ्यास किया जाना आवश्यक है। आइए जानते हैं इस योग के लाभ और इसके अभ्यास के तरीकों के बारे में-
धनुरासन योग का अभ्यास कैसे करें?
धनुरासन योग का अभ्यास आसान है पर इसके लिए आपको बेहतर एकाग्रता और शारीरिक संतुलन की आवश्यकता होती है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी लोग इस योग का अभ्यास करके इससे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। धनुरासन योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और हाथों को पैरों के पास रखें। अब घुटनों को मोड़ें इसे पकड़कर रखें। सांस लेते हुए सीने को उठाते हुए हाथों से पैरों को खीचें। ध्यान सांसों की गति पर केंद्रित करें। 15-20 सेकेंड तक इस अवस्था में रहें और फिर पूर्ववत आ जाएं।
धनुरासन योग से लाभ:-
धनुरासन योग का सही तरीके से अभ्यास आपको कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकता है। इसके नियमित अभ्यास की आदत बनाइए।
- पेट की मांसपेशियों को फैलाने के साथ पाचन क्रिया में सुधार करता है।
- आपके टखनों, जांघों, छाती, गर्दन और कंधों की ताकत में सुधार करता है।
- आपके पीठ को टोन करने के साथ रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है।
- छाती को फैलाने में मदद करता है जिससे सांस की प्रक्रिया आसान होती है।
- गर्दन के तनाव को कम करने के साथ गर्दन और पीठ दर्द को ठीक करने में मदद करता है।
- पैरों की मांसपेशियों के तनाव को कम करने वाला योगासन है।
सावधानियां:-
किसी भी योग के अभ्यास को लेकर सावधानियां बरतना बहुत आवश्यक है। धनुरासन योग करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप गर्दन की समस्याओं से पीड़ित हैं या पीठ के निचले हिस्से में चोट है तो यह आपके लिए सही आसन नहीं माना जाता है, क्योंकि इससे समस्या बढ़ सकती है। अपनी एड़ियों को धीरे पकड़ें, बहुत जोर से न दबाएं, इससे परिसंचरण में बाधा आ सकती है। किसी विशेषज्ञ की निगरानी में योगासन करने की सलाह दी जाती है।