परमात्मा के रंगमंच पर हम सब हैं अभिनेता: दिव्य मोरारी बापू
राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री घनश्याम दास जी महाराज का अवतरण दिवस 11 दिसंबर 1963 है। महाराज जी श्री सीताराम जी की सेवा पूजा के साथ 58 वर्ष परिपूर्ण करके 59वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर भगवान
श्रीसीतारामजी एवं हनुमान जी महाराज की उपासना आराधना प्रभु प्रेमियों के द्वारा भक्तिपूर्ण अभिव्यक्ति। इस अवसर पर परम पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति, सुंदरकांड, भोज-भंडारा, भव्य उत्सव- महोत्सव। इस पावन अवसर पर राष्ट्रीय संत श्री-श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू के द्वारा सुंदरकांड पाठ के उपरांत सत्संग।सत्संग के अमृत बिंदु-परमात्मा के रंगमंच पर हम सब अभिनेता हैं, सूत्रधार भगवान हैं। सूत्रधार की जो भी इच्छा हो हम उसी में सुर मिलाते हुए आनंद से नृत्य करें। भगवान की रासलीला से प्रेरणा लें और जीवन को आनंदमय बनायें। हमें अपनी धरती और देश की तन-मन-धन से रक्षा करनी है और यह तभी संभव है, जबकि हम अपनी जन्मभूमि, अपनी धरती, अपना देश, अपनी राष्ट्रभूमि के प्रति निष्ठावान रहें। उसकी उन्नति के लिए कार्यान्वित बने और उसके सम्मानित अस्तित्व की रक्षा के लिए सदैव संगठित एवं जागरूक रहें। ॠषियों का उपदेश होता था कि कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी काम न करें, जिससे अपनी मातृभूमि की प्रतिष्ठा गिरे और ऐसा कोई भी मार्ग न अपनाएं, जिससे अपने देश के पतन की संभावना हो। हमारे देश के ऋषि हृदय से कामना करते हैं कि विश्व के सभी मानव उन्हें मित्र की दृष्टि देखें और वे भी विश्व के सभी मानवों को मित्र की दृष्टि से देखें। इस प्रकार विश्व में सभी मानव सभी मानवों को मित्र की दृष्टि से देखें और जो हमें प्राप्त हुआ है उसी का उपयोग करें। किसी दूसरे के धन को छीन लेने का लोभ न करें। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं नवनिर्माणाधीन गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना-श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला अजमेर (राजस्थान)।