नई दिल्ली। ‘हर-घर तिरंगा’ अभियान अब लाखों परिवारों की आय का जरिया भी बन गया है। देश के हजारों स्वयं सहायता समूहों और अन्य तमाम लोगों को बड़ी मात्रा में तिरंगा बनाने का ऑर्डर मिल रहा है। कंपनियों को कार्पोरेट सोशल रेस्पांसबिलिटी फंड से अभियान पर खर्च करने की इजाजत और राजनीतिक दलों के अभियान से जुड़ने की प्रतिस्पर्धा ने झंडे की डिमांड बढ़ा दी है। अनुमान है कि तिरंगा तैयार करने से ही 750 करोड़ से अधिक का कारोबार हो सकता है।
आजादी के अमृत महोत्सव पर्व के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने 13 से 15 अगस्त तक हर-घर तिरंगा फहराने का आह्वान किया है।
यूपी में 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराने का लक्ष्य:-
यूपी सरकार ने 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने का लक्ष्य तय किया है। इसमें दो करोड़ ध्वज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से खरीदने की योजना है। इसे छोटे उद्योग तैयार करेंगे। बाकी ढाई करोड़ ध्वज राज्य के 9300 से अधिक स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों व निजी सिलाई केंद्रों से खरीदने की योजना है।
90 करोड़ रुपये होंगे खर्च:-
सरकार ने प्रति झंडा 20 रुपये कीमत तय की है। इस तरह साढ़े चार करोड़ झंडे की खरीद-बिक्री पर करीब 90 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। यह पूरी रकम छोटे-मझोले उद्योगों और स्वयं सहायता समूहों आदि को जाने वाली है।
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी 20 लाख घरों में तिरंगा फहराने की तैयारी का निर्देश दिया है। अभियान को लेकर भाजपा व कांग्रेस भी अपने तरीके से जुटी है। इस तरह 5 करोड़ से अधिक का कारोबार हो सकता है।
यहां भी तिरंगा उपलब्ध:-
-डाकघरों से भी तिरंगा उपलब्ध कराने की तैयारी है। लोग 25 रुपये देकर तिरंगा खरीद सकेंगे।
– अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से भी झंडे की खरीदारी की जा सकती है।