उत्तराखंड। कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा अर्चना करके पवित्र डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद अपनों की याद में दीपदान किया और दान करके पुण्य कमाया। तड़के से दोपहर तक स्नान का क्रम चलता रहा। शाम के समय गंगा आरती में भी हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान शांतिपूर्वक संपन्न होने पर जिला और पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। एसएसपी प्रशासन का दावा है कि शुक्रवार को 14 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। वहीं श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से पुलिस का ट्रैफिक प्लान धरा रह गया। बाहरी राज्यों से यात्रियों के वाहनों का ऐसा हुजूम उमड़ा कि हरिद्वार की सभी पार्किंग दोपहर से पहले ही पैक हो गई। पार्किंग में जगह नहीं बचने पर जहां तहां सड़कों के किनारे और हाईवे पर फ्लाईओवर के नीचे वाहन खड़े करने पड़े। शंकराचार्य और दूधाचारी चौक पर जाम लगने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को जूझना पड़ा। सड़कों के किनारे खड़े आड़े तिरछे वाहनों को पुलिस ने क्रेन से उठवाया। गंगा घाटों पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम हुआ। गंगा स्नान के लिए बाहरी राज्यों से काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। तड़के से ही लोग हरकी पैड़ी और अन्य गंगा घाटों की तरफ आने लगे थे। सुबह के समय कड़ाके की ठंड होने के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। जैसे जैसे दिन चढ़ा गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। दोपहर तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला चलता रहा। हरकी पैड़ी के अलावा शिवघाट, मालवीय घाट, सुभाषघाट, गऊघाट, बिरलाघाट, प्रेमनगर घाट, गोविंदपुरी घाट, खन्ना नगर ओमपुल घाट, बैरागी क्षेत्र के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। उत्तराखंड के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी और राजस्थान के श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। चंडी देवी, मनसा देवी, दक्षेश्वर महादेव, मायादेवी मंदिर, सुरेश्वरी देवी मंदिर, शीतला माता मंदिर तिलभांडेश्वर मंदिर, दरिद्र भंजन मंदिर, श्री दक्षिणेश्वर काली मंदिर में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मनसा देवी में अत्यधिक भीड़ होने के कारण पुलिस को यातायात डायवर्ट करना पड़ा। इस दौरान जाने के लिए रोपवे बंद रहा। जबकि ऊपर से नीचे आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोपवे को चालू रखा गया। चंडी देवी पर दोनों तरफ से रोपवे चलता रहा।स्नान के लिए पुलिस प्रशासन ने चार दिन पहले मंगलवार शाम को ही ट्रैफिक और पार्किंग प्लान जारी कर दिया था। पुलिस को दावा था कि श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के बाद भी किसी तरह से दिक्कत नहीं होगी। लेकिन पुलिस-प्रशासन के अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ धर्मनगरी में उमड़ी पड़ी। बृहस्पतिवार रात से श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे। शुक्रवार दोपहर तक सीसीआर टॉवर और हरकी पैड़ी क्षेत्र की सभी पार्किंग वाहनों से फुल हो गई। पुलिस ने बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं के वाहनों को रामायण पथ से रोक दिया। इससे श्रद्धालु परेशान रहे और मजबूरी में सड़क और फ्लाईओवर के नीचे जहां जगह मिली, वाहनों को खड़े करने लगे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्किंग, गड्डा पार्किंग, पंतदीप पार्किंग, चमगादड़ टापू पार्किंग वाहनों से पूरी तरह से पैक नजर आई। नजीबाबाद रोड से आने वाले ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य भारी वाहनों को पुलिस ने चंडी पार्किंग में ही खड़े करवा दिया था। शंकराचार्य चौक और दूधाधारी चौक पर वाहनों का दबाव होने से जाम से जूझना पड़ा। चौक पर शहर की तरफ से कनखल में वाहनों के जाने के चलते हाईवे पर वाहनों को रोकना पड़ा। वहीं दूधाधारी चौक पर बॉटल नेक होने से वाहन धीरे-धीरे चलते रहे।कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के दौरान मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी चेकिंग होती रही। बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की टीमें संदिग्धों की तलाशी करते नजर आई। गंगा स्नान के लिए बृहस्पतिवार की शाम से ही शहर में प्रमुख जगहों पर बैरियर लगा दिए गए थे।प्रमुख चौराहों और गंगा घाटों पर पुलिस तैनात की गई थी। हरकी पैड़ी क्षेत्र में बने वॉच टावर से पुलिसकर्मी 24 घंटे निगरानी करते रहे। बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉयड ने सर्च अभियान चलाया। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी तैनात रहे।