रिलेशनशिप। कई बार कुछ बुजुर्ग लोगों का स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा सा हो जाता है। ऐसे में या तो वो अक्सर जिद और गुस्सा करने लगते हैं या फिर उदास बैठना पसंद करते हैं। इस तरीके से उनको समझना बहुत ही मुश्किल लगने लगता है। ऐसे में हम आपको बुजुर्गों से डील करने के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं। जिसे अपनाकर आप उनके मूड को बेहतर और खुश बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
नाराजगी की वजह पता करें
कई बार ऐसा होता है जब बड़े-बुजुर्गों को गुस्सा हो जाते है, तो घर के बाकी सदस्य को खरी-खोटी सुना देते हैं। ऐसे में कई बार बच्चे उनकी नाराजगी को समझने की बजाय बहस या झगड़ा शुरू कर देते हैं। जबकि उनसे बहस करने की जगह आपको उनके साथ बैठकर नाराजगी की वजह पता करनी चाहिए और उनको खुश करने की कोशिश करना चाहिए।
अहमियत महसूस करवाएं
कई बार अनदेखी करने की वजह से घर के बुजुर्ग चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि बुजुर्गों को उनकी अहमियत का अहसास करवाएं और उनकी केयर करने की कोशिश करें। इसके लिए आपको बहुत कुछ करने की आवश्यकता नहीं होगी। छोटे-छोटे कामों में उनकी मदद करके आप उनको अपने प्यार का एहसास करवा सकते हैं। इसके लिए उनकी खैरियत पता करना, सीढ़ी चढ़ते टाइम उनका हाथ थामना, पार्क या मंदिर में साथ ले जाना जैसे काम करके आप उनको खुश कर सकते हैं।
छोटे कामों में लें मदद
घर के बुजुर्गों से काम न करवाना अच्छी बात है लेकिन कई बार वो इससे खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं। दरअसल घर के लोग उनको आराम करने की बोल कर घर के काम में लग जाते हैं, जिससे बुजुर्ग बोर और अकेला फील करते हैं। ऐसे में बैठे रहकर कम मेहनत वाले काम उनको देकर आप उनके साथ काम में लगे रह सकते हैं। इससे उनका अकेलापन दूर होगा और वो खुद को खुश महसूस कर सकेंगे।
अपनी परेशानी करें शेयर
बहुत से लोग अपने बड़े-बुजुर्गों से मन की बात शेयर नहीं करते हैं। उनको लगता है कि उनको हर बात बताना जरूरी नहीं है। तो कई बार ये सोचकर नहीं बताते हैं कि बुजुर्ग बहुत जल्दी टेंशन ले लेते हैं। लेकिन इससे बुजुर्गों को लगता है कि घर में उनको कोई अहमियत नहीं है और वो उदास और चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में बुजुर्गों से अपनी प्राब्लम्स शेयर जरूर करें। इससे आपको उनके अनुभव से समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी साथ ही वो खुद को घर के लिए खास महसूस करेंगे।
वक्त बिताना जरूरी
आज कल हर कोई बहुत ज्यादा व्यस्त रहता है। ऐसे में काम से अगर समय बचता भी है, तो लोग अपने-अपने कमरों में चले जाते हैं। इससे घर के बुजुर्ग खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं। जिसकी वजह से उनका स्वभाव चिड़चिड़ा होने लग जाता है। इसलिए बुजुर्गों के लिए थोड़ा वक्त अवश्य निकालें और उनके साथ बैठकर बात करें। इससे उनको तो ख़ुशी का अहसास होगा ही, आपको भी उनके अनुभवों से सीख लेनी चाहिए।