पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अगर बुद्धि हो तो विषम परिस्थिति में भी शांति रह सकती है। शिव परिवार में विषमता है, लेकिन झगड़ा नहीं, लड़ाई नहीं। पार्वती अंबा का वाहन है शेर और भगवान् शंकर का वाहन है बैल। बैल और शेर में मित्रता है या शत्रुता ? शंकर बाबा के गले में है सांप और गणपति का वाहन है चूहा। दोनों में मित्रता है या शत्रुता? बड़े बेटे का वाहन है मोर और पिता के गले में है साँप। ये भी शत्रु है। चूहे को खा जाये सांप और सांप को खा जाये मोर। बैल पर भी सिंह हमला करता है। भगवान् शंकर चिता भस्म लपेटते हैं। पार्वती अंबा, मां करुणामयी सुंदर श्रृंगार करती है। भगवान् शंकर बाघम्बर पहनते हैं। पार्वती अंबा पाटांबर पहनती है। वो महलों की रहने वाली बेटी हैं और ये भोलेनाथ श्मशान में रहने वाले हैं। समता है कहीं पर? पर शिव परिवार में कभी झगड़ा हुआ? शेर ने कभी बैल को सताया? सांप ने चूहे को खाया या मोर ने सर्प को खाया? नहीं। भगवान् शंकर दुनियां को शिक्षा दे रहे हैं कि तुम ये चाहो कि हमारे परिवार में सब हमारे ही स्वभाव के मिलें, ऐसा गृहस्थ जीवन में कभी हो ही नहीं सकता। जो व्यक्ति समझौता करना नहीं जानता परिवार के साथ, वो व्यक्ति परिवार में शांति से कभी रह नहीं सकता। ये बात हम-आप को हृदय में गहराई से बैठा लेना चाहिए। अगर आपको जीवन सुखी बनाना है तो समझौते की आपके अंदर क्षमता होनी चाहिये, या तो अपने विवेक से उसको अपने अनुकूल कर लो और या फिर समय वेसमय उसकी बात मान लो। जहाँ सुमति तहँ संपति नाना। जहां कुमति तहं बिपति निधाना।। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना।श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)