नई दिल्ली। IMF की ओर से चालू वित्त वर्ष के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र की विकास दर का एक अनुमान जारी किया गया है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के गतिशील एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि दर की अनुमान को 3.8 प्रतिशत से बढकर 4.6 प्रतिशत बड़ा दिया गया है। मंगलवार को जारी अपनी क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य- एशिया एवं प्रशांत रिपोर्ट में वाशिंगटन स्थित कोष ने कहा कि यह क्षेत्र वैश्विक वृद्धि में करीब 70 प्रतिशत का योगदान देगा। एशिया और प्रशांत क्षेत्र 2023 में दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों में सबसे गतिशील होंगे, यह मुख्य रूप से चीन और भारत के लिए उत्साहजनक दृष्टिकोण से प्रेरित होगा। की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र की दो सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के इस साल वैश्विक विकास में लगभग आधे का योगदान देने की उम्मीद है। शेष एशिया और प्रशांत क्षेत्र अतिरिक्त पांचवें हिस्से का योगदान देंगे। इस वृ्द्धि में सबसे अधिक योगदान भारत और चीन की अर्थव्यवस्था का होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘एशिया की गतिशीलता मुख्य रूप से चीन में सुधार और भारत में लचीली वृद्धि से प्रेरित होगी, जबकि शेष एशिया में विकास 2023 में अन्य क्षेत्रों के अनुरूप सबसे नीचे रहने की उम्मीद है। इस बीच, IMF ने कहा कि 2023 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष प्रतीत होता है क्योंकि वैश्विक विकास में गिरावट आई है। इसका कारण मौद्रिक नीति में सख्ती (ब्याज दरों में लगातार वृद्धि के माध्यम से) और यूक्रेन में रूस के युद्ध का आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा लगातार मुद्रास्फीति का दबाव और अमेरिका तथा यूरोप में वित्तीय क्षेत्र की हालिया समस्याएं पहले से ही जटिल आर्थिक परिदृश्य में अतिरिक्त अनिश्चितता पैदा कर रही हैं। प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की दुनिया के सबसे प्रमुख उधारदाताओं में से एक सिलिकॉन वैली बैंक बीते दस मार्च को ढह गया। सोमवार को फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को भी नियामकों ने सीज कर लिया।