हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं को दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें विटामिन डी

लाइफस्‍टाइल। अगर आपको लगातार थकान महसूस होती रहती है, हड्डियों, मांसपेशियों में दर्द होता है, जल्‍दी-जल्‍दी बीमार होते हैं तो आपको विटामिन डी की कमी की समस्‍या हो सकती है। वहीं, बालों का झड़ना या ग्रोथ कम होना भी विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं। विटामिन डी फैट सोल्यूबल विटामिन है, जो शरीर के लिए बहुत आवश्‍यक होता है। विटामिन डी शरीर के लिए आवश्‍यक कैल्शियम बनाए रखता है। इससे हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं। तो चलिए जानते हैं कि विटामिन डी कितने प्रकार के होते हैं? इसकी कमी से कौन-सी बीमारियां हो सकती हैं? इसको पूरा करने के लिए क्‍या खाना चाहिए?

विटामिन डी फैट सॉल्‍यूबल होता है। ये तीन डी1, डी2 यानी एग्रो कैल्सीफेरॉल और तीसरा विटामिन डी 3 यानी कॉले कैल्सिफेरॉल प्रकार का होता है। विटामिन डी की कमी होने से हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। ये विटामिन कैल्शियम, मैग्‍नीशियम और फॉस्‍फेट को आंतों के जरिये शरीर में पहुंचाने में सहायता करता है। हमारे शरीर में विटामिन डी2 नहीं बनता है। विटामिन डी2 पौधों से पाया जा सकता है। पौधे डी2 का उत्पादन सूरज की अलट्रा-बायलेट रेज की मदद से करते हैं। हमारी शरीर में विटामिन डी3 का उत्‍पादन होता है। इसके लिए हमारा सूरज की रोशनी में बैठना बहुत आवश्‍यक होता है।

विटामिन डी की कमी के चलते हो सकता है कैंसर :-
विटामिन-डी की कमी से सबसे ज्‍यादा हड्डियों प्रभावित होती है। वहीं, शरीर की इम्युनिटी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। ज्‍यादा कमी होने पर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी रहता है। इस विटामिन की कमी से ऑटोइम्यून और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी इंफेक्शन से लड़ने में भी सहायता करता है। अगर विटामिन डी की कमी हो जाए तो ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और कोलोन कैंसर का कारण बन सकती है। यही नहीं, आप बार-बार बीमार भी पड़ सकते हैं। दरअसल, विटामिन-डी की कमी होने पर शरीर की कई तरह के वायरस से लड़ने की क्षमता कम होने लगती है।

बालों की ग्रोथ कम होना :-

अगर आपके बाल ज्‍यादा झड़ रहे हैं या बालों की ग्रोथ काफी धीमी है तो तुरंत जांच कराएं। आपको विटामिन डी की कमी से बालों की ग्रोथ कम हो सकती है। शरीर में विटामिन-डी की पर्याप्त मात्रा नहीं होने से त्वचा पर लाल निशान या त्वचा पर झुर्रियों जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। विटामिन-डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों का फड़कना, मांसपेशियों का कमज़ोर होना, और जोड़ों में अकड़न महसूस हो सकती है। धूप में कम निकलने वाले लोगों में विटामिन डी की कमी के आसार बढ़ जाते है। महिलाओं, बुजुर्गों, गहरे रंग की त्वचा वालों, मोटे लोगों में विटामिन डी की कमी का खतरा बढ़ जाता है।

रोज कितने विटामिन डी की होती है जरूरत?
एक्‍सपर्ट के अनुसार, नवजात और बच्चों को हर रोज 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी की आवश्‍यकता होती है। वहीं, बड़ों को हर दिन 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की आवश्‍यकता होती है। इसके अलावा 70 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों को हर दिन 20 माइक्रोग्राम आवश्‍यकता होती है।

कैसे पूरी करें शरीर के लिए जरूरी विटामिन डी :-
विटामिन डी को पूरा करने के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है सूरज की रोशनी में बैठना या टहलना। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कई तरह की खाने-पीने की चीजों में भी विटामिन डी पर्याप्‍त मात्रा में पाई जाती है। संतरे का जूस, रोज 3 आउंस साल्‍मन, मछली, अंडे, मशरूम, दही, दूध पीने से शरीर में विटामिन डी की मात्रा संतुलित रहती है। एक कप दूध में 3 माइक्रोग्राम विटामिन डी होता है। वहीं, बहुत ज्‍यादा कमी होने पर डॉक्‍टर की सलाह ले सकते हैं।

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