नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज सोमवार को भारत के दौरे पर आ रहे हैं। बता दे कि इससे पहले उन्होंने भारत को बहुपक्षीय विश्व के कई प्रामाणिक केंद्रों में से एक बताते हुए कहा कि विदेश नीति को लेकर भारत की अपनी सोच और प्राथमिकताएं हैं, जो हमारी सोच से मेल खाती है। अपनी भारत यात्रा से पहले उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान दोनों देशों के विशेषाधिकार वाले संबंधों को और आगे ले जाने के लिए बड़े पैमाने पर शुरूआत करने के लिए बात करेंगे और यह साझेदारी दोनों ही देशों के लिए वास्तविक आपसी लाभ के अवसर मुहैया कराएगी। रूसी राष्ट्रपति आज 21वें भारत-रूस वार्षिक बैठक में भाग लेने चंद घंटों की भारत यात्रा पर पहुंचेंगे। इन चंद घंटों की यात्रा में ही पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच हैदराबाद हाउस में शाम को होने वाली बैठक पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र, क्वाड और अफगानिस्तान पर दोनों देशों के बीच जारी मतभेद और चीन-भारत तनाव के बीच पुतिन की इस यात्रा को खासा महत्व दिया जा रहा है। पुतिन की यात्रा के दौरान कई बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर होंगे। दोनों देशों के बीच अगले दस साल तक रक्षा सहयोग जारी रखने और इसके लिए फ्रेमवर्क बनाने पर मुहर लगेगी। रक्षा सहयोग के लिए रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक एग्रीमेंट पर भी सहमति बनेगी। इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिकतम मिसाइल प्रणाली इग्ला-एस शॉल्डर फायर्ड मिसाइल सौदे पर भी बातचीत होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि सोमवार को वार्ता की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्र सर्गेई शोयगु के बीच बैठक से होगी।