नई दिल्ली। अफगानिस्तान की स्थिति को सुधारने को लेकर एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में रूस और ईरान सहित सात देशों ने भाग लिया। इन सात देशों में रूस और ईरान के अलावा ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, और तुर्कमेनिस्तान शामिल थे। सभी देशों के सुरक्षा अधिकारी भारत के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आए और अफगानिस्तान को मदद करने पर हामी भरी। इस मीटिंग में यह तय करने पर जोर दिया गया है कि अफगानिस्तान कट्टरपंथ और उग्रवाद से मुक्त रहे और कभी भी वैश्विक आतंकवाद का स्रोत नहीं बन पाए। इसके अलावा अफगान समाज में सभी वर्गों को भेदभाव रहित और एकसमान मानवीय मदद मिलने को लेकर भी सहमति बनी। भारत की पहल पर आयोजित इस बैठक में पाकिस्तान और चीन को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डोभाल ने कहा कि हम सब आज अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर बात करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हम सब अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को गौर से देख रहे हैं। अफगानिस्तान के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श प्रोडक्टिव व उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे।