वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु पहली बार वैश्विक शिखर सम्मेेलन की मेजबानी करेगा भारत

नई दिल्‍ली। दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) प्रथम वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। 20-21 अप्रैल को होने वाले इस सम्मेलन में  देश-दुनिया के तमाम बौद्ध भिक्षु, विद्वान और धर्म के जानकार शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन का विषय ‘Responses to Contemporary Challenges from Philosophy to Praxis’ है। इस सम्मेलन का उद्देश्य वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में मानवता के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर न केवल विचार करना है, बल्कि इसी परिप्रेक्ष्य में उसका समाधान तलाशना भी है।

बुद्ध की शिक्षा में विश्व की कई समस्याओं का समाधान

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, IBC के महासचिव वेन. डॉ. धम्मपिया ने इस सम्मेलन को लेकर बताया कि बुद्ध की शिक्षा में समानांतर विश्व की कई समस्याओं का समाधान है। उनका कहना है कि दिल्ली आधारित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की यह कोशिश रही है कि बौद्ध समुदाय को एकजुट करते हुए इन वैश्विक समस्याओं पर चिंतन किया जाए और एक सामूहिक प्रयास के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में होने वाली चर्चाएं दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया के साथ भारत के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों की जड़ों का पता लगाएंगी।

दिल्ली के अशोका होटल में होगा यह सम्मेलन

डॉ. धम्मपिया ने सम्मेलन के आयोजन को लेकर बताया कि दिल्ली के अशोका होटल में 20 और 21 अप्रैल को इस संबंध में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में दो चरम विचारों के बीच एक द्वंद है, जिसका समाधान बुद्ध के मध्यम मार्ग और संतुलन में हैं। यह चरम विचार एक तरफ मनुष्य को संघर्ष और दूसरी ओर भोग विलास की ओर आकर्षित करते हैं।

मानव निर्मित इन समस्याओं का समाधान भी मनुष्य ही कर सकता है

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस सम्मेलन को लेकर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक अभिजीत हलदर ने बताया कि वर्तमान में दुनिया युद्ध, प्राकृतिक आपदा, हिंसा और जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है। सम्मेलन का मकसद दुनिया को इस बात का संदेश पहुंचाना है कि मानव निर्मित इन समस्याओं का समाधान भी मनुष्य ही कर सकता है। इसी संबंध में दुनिया भर के श्रेष्ठतम बौद्ध विचारकों को एक मंच पर लाकर समाधान तलाशने का एक प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में दुनिया के 30 देशों के 180 प्रतिभागी जुड़ने वाले हैं। इसमें मेक्सिको और ब्राजील जैसे दूरस्थ देशों से भी प्रतिभागी शामिल होंगे। इसके अलावा देशभर से भी बौद्ध विचारकों और बौद्ध धर्मगुरुओं की इसमें सहभागिता होगी। इस सम्मेलन के बाद एक बुकलेट प्रकाशित की जाएगी, जिसमें विचार-विमर्श का सार होगा। जीबीएस दुनिया भर के प्रमुख विद्वानों, संघ नेताओं और धर्म के अनुयायियों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, ताकि इसके जरिए वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया जा सके और उनका बौद्ध धर्म में समाधान खोजा जा सके।

दुनिया भर के विद्वान होंगे शामिल

इस शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के प्रख्यात विद्वान, संघ नेता, और धर्म के अनुयायी वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे और बुद्ध धर्म में इससे जुड़े उत्तरों की तलाश करेंगे, जो सार्वभौमिक मूल्यों को बढ़ावा देता है। इसमें बुद्ध धर्म और शांति,  पर्यावरणीय संकट, स्वास्थ्य और स्थिरता, नालंदा बौद्ध परंपरा का संरक्षण तथा बुद्ध धर्म तीर्थयात्रा, जीवित विरासत और बुद्ध अवशेष जैसे विषयों पर विचार किया जाएगा।

इसके अलावा यह शिखर सम्मेलन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और बौद्ध धर्म के वैश्विक केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को उजागर करने का एक विशेष अवसर प्रदान करेगा। देश दुनिया में सार्वभौमिक मूल्यों को बढ़ावा देकर, जीबीएस का प्रमुख उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समझ, सहयोग और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है।

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