Indian armed forces: वायुसेना (आईएएफ) की महिला अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी ने राज्य का गौरव बढ़ाया है. आपको बता दें कि भारतीय सशस्त्र बल (indian armed forces) में भारत की पहली महिला सहायक-डी-कैंप (एडीसी) के रूप में नियुक्त की गई है. जिन्हें मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने एडीसी के रूप में नियुक्त किया है. जिसके बाद वह देश की पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी बन गई हैं.
indian armed forces: 29 नवंबर को संभाला पदभार
ओडिशा के बहरामपुर निवासी मनीषा पाढ़ी ने 29 नवंबर को औपचारिक रूप से अपनी पोस्ट संभाली और सबसे पहले मिजोरम के राज्यपाल को सूचित किया. यह अभूतपूर्व निर्णय केवल एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर ही नहीं बल्कि लैंगिक मानदंडों को तोड़ने और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने की महिलाओं की क्षमता का एक शक्तिशाली प्रमाण भी है.
परंपरा को आगे बढ़ा रहा कार्की का परिवार
दरअसल, उत्तराखंड सैन्य बहुल प्रदेश है. यहां सेना में भर्ती होना केवल जीविकोपार्जन का साधन नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान और गौरव की परंपरा है. नागल ज्वालापुर, डोईवाला, देहरादून निवासी लीलावती कार्की का परिवार इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. बता दें कि लीलावती के पति प्रेम सिंह कार्की भी सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे.
हालांकि प्रेम सिंह का सेना से सेवानिवृत्ति के बाद इसी साल फरवरी में एक हादसे में निधन हो गया था. लीलावती कार्की के अनुसार, उनका बेटा दीपक कार्की सेना में मेजर हैं, जो इन दिनों गुरदासपुर में तैनात हैं, जबकि उनकी बहू मनीषा वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर है. साल 2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी मनीषा के राज्यपाल के सहायक डी कैंप के रूप में नियुक्ति पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की.
indian armed forces: मनीषा ने रचा इतिहास
वहीं, सेना से सेवानिवृत्त सुबेदार मनोहर सिंह बोरा ने कहा कि मनीषा ने इतिहास रचा है. उसकी इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी है. मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू ने भी अपने एक संदेश में कहा कि मनीषा की नियुक्ति महज एक मील का पत्थर नहीं, बल्कि उन महिलाओं की उल्लेखनीय क्षमताओं का प्रमाण है, जो लैंगिक मानदंडों को चुनौती देती हैं और कई क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करती हैं.
ये भी पढ़े:-Cyclone Michong: तमिलनाडु में चक्रवात के चलते सार्वजनिक अवकाश घोषित, 144 ट्रेनें रद्द