Indian Navy: भारत का स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल आज नौसेना (Indian Navy) में शामिल हो जाएगा. आईएनएस इंफाल के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में होगा. हालांकि इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे. बता दें कि मिसाइल डिस्ट्रॉयर ‘इंफाल’ को भारतीय नौसेना (Indian Navy) का इन-हाउस संगठन युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो के द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित गया और मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित किया गया है.
जमीन से हवा में मार करने में सक्षम
बता दें कि ‘इंफाल’ ऐसा पहला युद्धपोत है, जिसका नाम उत्तर-पूर्वी शहर के नाम पर रखा गया है. इसे 16 अप्रैल 2019 को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और समृद्धि के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला था. इसके निर्माण में 75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी है. आईएनएस इंफाल पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली, जमीन से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं. साथ ही इस पर पनडुब्बियों को निशाना बनाने वाले रॉकेट लॉन्चर और 76एमएम की सुपर रैपिड गन भी लगाई गई है. आईएनएस इंफाल बराक 8 मिसाइलें, सर्विलांस रडार और टॉरपीडो से भी लैस है.
एक अत्याधुनिक अतिरिक्त युद्धपोत है इंफाल
दरअसल, नौसेना (Indian Navy) के बेड़े में इंफाल एक अत्याधुनिक अतिरिक्त युद्धपोत है, जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो के द्वारा डिजाइन किया गया है और मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित किया गया है, जिसमें माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) सहित सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है.
आपको बता दें कि यह एक विशाखापत्तनम श्रेणी का डेस्ट्रॉयर है, आईएनएन इंफाल परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है. इसमें कंपाइंड गैस और गैस प्रोपल्शन तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसके कारण यह युद्धक जहाज 30 नॉट्स की स्पीड से चलने में सक्षम है. वहीं, भारतीय नौसेना का कहना है कि भारत में अब तक बने युद्धक जहाजों में आईएनएस इंफाल सबसे बेहतर है और यह युद्धक जहाज बनाने की भारत की क्षमताओं का परिचायक है.
Indian Navy: 300 नौसैनिक हो सकते है तैनात
आपको बता दें कि नौसेना में कमीशन होने के बाद आईएनएस इंफाल नौसेना की वेस्टर्न नेवल कमांड में शामिल होगा. आईएनएस इंफाल की कुल लंबाई 535 फीट, ऊंचाई 57 फीट और कुल वजन 7400 टन है. इसके अलावा इस पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं और यह एक बार में 42 दिनों तक समुद्र में रह सकता है. इस पर ध्रुव और सी किंग हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकते हैं.
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