नई दिल्ली। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई सितंबर महीने में घटकर 4.35 फीसदी हो गई। मुद्रास्फीति अगस्त में 5.30 फीसदी थी। दरअसल खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने के कारण ऐसा हुआ है। पिछले साल सितंबर में 7.27 फीसदी थी:- पिछले साल सितंबर में यह 7.27 फीसदी रही थी। वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है। सरकार ने रिजर्व बैंक को दी ऐसा करने की जिम्मेदारी:- भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पर गौर करता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। खुदरा महंगाई 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान:- रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए खुदरा महंगाई 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है। औद्योगिक उत्पादन में 11.9 फीसदी की वृद्धि:- उधर देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगस्त 2021 में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र का 16 प्रतिशत बढ़ा।