नई दिल्ली। आठ अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाएगा। इससे पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, जैसे-जैसे आने वाले कल का युद्धक्षेत्र बदल रहा है हम भी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं देश के नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वायु सेना भविष्य के लिए तैयार है और हम गौरव के साथ आसमान को छूते रहेंगे।
ऐसा पहली बार है कि इस बार वायु सेना दिवस हिंडन एयरबेस के बाहर मनाया जाएगा। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ग्रुप कैप्टन ए. राठी ने बताया, चंडीगढ़ की सुखना झील पर आठ अक्टूबर को वायु सेना दिवस फ्लाईपास्ट में 74 विमान हिस्सा लेंगे। इसमें सिंगल इंजन मिग-21 विमान, परिवहन विमान सहित हेलीकॉप्टर भी शामिल होंगे।
इस मौके पर वायु सेना प्रमुख ने कहा, वैश्विक परिदृश्य में हाल की घटनाओं ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि भविष्य के खतरों को दूर करने के लिए मजबूत सेना की आवश्यकता अनिवार्य है। उन्होंने कहा, LAC से लगे इलाकों में डिसइंगेजमेंट की गई है। हम चीनी वायु सेना की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। हमने रडार और वायु रक्षा नेटवर्क की उपस्थिति बढ़ाई है। हमने उचित समय पर गैर-एस्केलेटर उपाय किए हैं।
उन्होंने कहा, LAC पर स्थिति सामान्य है, यह कहने के लिए पहले की स्थिति में लौटना होगा और सभी बिंदुओं से पूरी तरह से वापसी करनी होगी। हम LAC पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
वायु सेना प्रमुख ने कहा, यूक्रेन-रूस युद्ध को छह महीने हो चुके हैं, अभी तक हमें किसी भी स्पेयर पार्ट्स की कमी महसूस नहीं हुई है। हमने पिछले कुछ सालों में स्वदेशी को काफी बढ़ावा दिया है और हमने 62,000 स्पेयर पार्ट्स को यहीं से खरीदा है। इसलिए हमारी निर्भरता यूक्रेन और रूस से कम हुई है।
वहीं अग्नीपथ योजना के बारे में उन्होंने बताया कि ‘एयर वॉरियर’ की भर्तियों को सुव्यवस्थित कर दिया गया है और इस साल दिसंबर में 3,000 अग्निवीर वायु को भारतीय एयर फोर्स में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया, महिला अग्निवीरों की भर्ती की योजना अगले साल के लिए बनाई गई है।