वास्तु। लोग अपने घरों के बाहर नेमप्लेट लगाते हैं। वास्तु के अनुसार नेमप्लेट का खास महत्व होता है। नेमप्लेट मुख्य द्वार की शोभा बढ़ाने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को भी अपनी ओर आकर्षित करती है जिससे घर में समृद्धि आती है। वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार ऊर्जा प्रवाह का एक मुख्य स्थान है। ऐसे में यदि आपके घर के मुख्य द्वार पर नेमप्लेट वास्तु नियमों के विपरीत होगी तो इसका दुष्प्रभाव आपके घर के भीतर भी देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं घर के बाहर नेम प्लेट लगाते समय क्या नियम अपनानें चाहिए-
नेमप्लेट की ऊंचाई:-
मुख्यद्वार के बाहर नेम प्लेट लगाते समय आपको उसकी हाइट का खास ध्यान रखना चाहिए। आपके परिवार में जिस भी सदस्य की हाइट सबसे अधिक है, आपके घर की नेम प्लेट उसके कद से थोड़ी ऊंची अवश्य होनी चाहिए। वास्तु में आपके घर का नाम व नंबर हमेशा थोड़ी हाइट पर होना बहुत शुभ माना जाता है। नेमप्लेट को आप अपनी सुविधानुसार धातु, ग्रेनाइट, मार्वल या लकड़ी की बना सकते हैं। कभी भी घर के बाहर प्लास्टिक से बनी नेम प्लेट का इस्तेमाल न करें। यह एक नेगेटिव नेम प्लेट होती है, जो आपके घर व जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
दिशा के अनुसार हो नेमप्लेट का रंग:-
वास्तु के अनुसार नेमप्लेट का रंग काफी महत्व रखता है। नेमप्लेट का कलर घर की दिशा के अनुसार चुनना चाहिए। यदि आपका घर पूर्वमुखी है तो घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के विकास एवं मान-सम्मान में वृद्धि के लिए केसरिया, पीला,हरा,गुलाबी,हल्का नारंगी रंग की नेमप्लेट का इस्तेमाल समृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर दिशा में हल्के पीले,हरे,आसमानी,सीग्रीन और हल्के नीले रंग की नेमप्लेट लगाना अति शुभ माना गया है। इस दिशा में इन रंगों का प्रयोग करने से आपको धन आगमन के नए-नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं, परिवार के सदस्यों को करियर में सफलता मिलेगी। इसी प्रकार दक्षिण दिशा में लाल,नारंगी,गुलाबी एवं बैंगनी रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दिशा में ऐसे रंगों का इस्तेमाल आपके जीवन में प्यार,सुरक्षा,यश एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। पश्चिम दिशा में नेमप्लेट लगाने के लिए सफ़ेद और सुनहरे रंगों के साथ स्लेटी, पीला, भूरा, हल्का हरा जैसे रंगों का प्रयोग भी कर सकते हैं। इस दिशा में आप इन रंगों का प्रयोग कर जीवन में लाभ एवं प्राप्तियों को आमंत्रित कर सकते हैं।