नई दिल्ली। पौष महीने का आरंभ हो चुका है। इस महीने में भगवान सूर्य की आराधना बहुत ही शुभकारी परिणाम प्रदान करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सभी ग्रहों का मुखिया कहा जाता है।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति सुदृढ़ है, तो जीवन में आप कभी असफल नहीं हो सकते। यदि कुंडली में किसी जातक का सूर्य मजबूत स्थिति में है, तो वह आत्मविश्वासी होता है। इतना ही नहीं उसे मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा समाज में एक रूतबा प्राप्त होता है। वहीं इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य दुर्बल या कमजोर स्थिति में है तो उसका जीवन मुश्किल में घिर जाता है।
उस व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में नुकसान का सामना करना पड़ता है और प्रतिष्ठा में भी कमी आती है। ऐसे में अपने कमजोर सूर्य को प्रबल करने के लिए पौष का महीना बहुत ही फलदायी साबित होता है। आपको बता दें कि यदि आपकी कुंडली में भी सूर्य की स्थिति कमजोर है और आप सूर्य से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको आज कुछ ऐसे उपाय बताते हैं, जिससे आप अपने सूर्य की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर सकते हैं।
वहीं तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, गुड़ और लाल रंग का पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे आपका सूर्य मजबूत होगा और आपको अपनी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। वहीं रविवार को सूर्य देव की आराधना की जाती है, ऐसे में पौष माह का रविवार सूर्यदेव की आराधना के लिए उत्तम है। ऐसे में जातक चाहे तो रविवार का व्रत भी रख सकता है।
यह व्रत जातक को सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करेगा। इसके साथ ही सूर्यदेव की उपासना से जातक के तेज में वृद्धि होगी। वहीं पौष माह में लाल मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, तांबा आदि किसी जरूरतमंद को दान करें, इससे भी सूर्य मजबूत होता है।
हर रोज सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करें,वहीं ॐ घृणिः सूर्य आदिव्योम, ॐ हृां हृीं सः सूर्याय नमः, शत्रु नाशाय ॐ हृीं हृीं सूर्याय नम: उपरोक्त मंत्रों के जाप के साथ यदि जातक पौष माह में आदित्य हृदय स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करेगा, तो मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे और उसे तरक्की प्राप्त होगी।
वहीं सूर्य की स्थिति मजबूत बनाने के लिए जातक पूरे विधि विधान से पूजा करके तांबे का कड़ा हाथ में धारण करें। यदि कोई जरूरी कार्य से घर से बाहर जा रहे हैं तो घर से निकालने से पहले गुड़ खाकर निकलें।