नई दिल्ली। आईना हर घर में होता है और यही आईना आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं वास्तु के अनुसार आईना सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा को भी प्रभावित करने में सक्षम है। वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार आईना लगाने की दिशा ऊर्जा को स्थिर और खराब करने की क्षमता रखती है। इसलिए एक शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए, आईने की उचित स्थिति और दिशाओं में रखना महत्वपूर्ण है।
आईने के साधारण दिशा बदलाव करने से आपके घर में धन की वृद्धि हो सकती है। यदि आपके पास घर में लॉकर है तो उसके सामने सामने शीशा लगा सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से धन का आगमन बढ़ता है। वास्तु के अनुसार घर के भीतर कभी भी पश्चिम या दक्षिण दिशा की दीवार पर आईना नहीं लगाना चाहिए।
आईने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा हो शुभ मानी जाती है। उत्तर दिशा धन के देवता भगवान कुबेर का केंद्र है, इसलिए इस दिशा को ऊर्जावान और सकारात्मक रखना महत्वपूर्ण है। धन बढ़ाने में मदद करने वाली अच्छी ऊर्जा को बनाए रखने के लिए, किसी भी प्रकार के कैश बॉक्स के बगल में आईना लगा सकते है। इससे धन में वृद्धि होगी। बेहतर स्वास्थ्य के लिए बाथरूम में शीशा पूर्व या उत्तर दिशा की दीवारों पर होना चाहिए।
यह नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है। वहीं ड्रेसिंग रूम में शीशे को जमीन से 4 से 5 फीट की ऊंचाई पर लगाना चाहिए। वास्तु के अनुसार आईने को अपने बेडरूम में लगाने से हमेशा बचना चाहिए। बेडरूम में लगे हुए आईने में यदि आपके बेड का प्रतिबिंब बनता है तो उसके दोष के कारण दांपत्य जीवन में आपसी विश्वास और सामंजस्य में कमी आती है।
यदि जगह की कमी के चलते बेडरूम में आईना लगाना आपकी मजबूरी हो तो उसे प्रयोग करने के बाद किसी कवर से ढक दें। वास्तु के अनुसार घर में हमेशा आयताकार, वर्गाकार या अष्टभुजाकार आईना लगाना चाहिए। बाथरूम में जब भी आईना लगाएं, इस बात का पूरा ख्याल रखें कि वह दरवाजे के ठीक सामने न हो।