जानें क्या है कोडिपेंडेंसी रिलेशनशिप?

रिलेशनशिप। कोडिपेंडेंसी शब्द का मतलब होता है, किन्हीं दो लोगों का एक दूसरे पर निर्भर होना। इस शब्द का इस्तेमाल आपने अक्सर रिश्तो के बीच सुना होगा। लेकिन सोचिए अगर एक दूसरे पर निर्भरता का सर्कल पूरा ही ना हो तो? व्यक्ति अपनी जिंदगी में ना जाने कितने रिश्ते बनाता है और उन्ही रिश्तो के सहारे या उन्हें रिश्तो के इर्द-गिर्द उसकी रोजमर्रा की जिंदगी होती है। लेकिन कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप इससे काफी अलग और नकारात्मक होते हैं।

क्योंकि कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप में केवल एक व्यक्ति अपनी सारी दुनिया अपने पार्टनर में देखने लगता है, यानी उन्हें सोते-उठते, जागते-सोते केवल उस एक ही व्यक्ति और उसकी जरूरत का ख्याल रहता है। कोडिपेंडेंट पार्टनर अपने मूल्य, आत्मसम्मान और इच्छाओं को पूरी तरह भूल जाता है और अपने पार्टनर के लिए जीने लगता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ये एक मेंटल स्थिति होती है, जो व्यक्ति के जीवन में घटी घटनाओं का गहरा असर हो सकती हैं। आइए जानते हैं कोडिपेंडेंसी के लक्षण-

रिलेशनशिप में को कोडिपेंडेंसी के लक्षण:-

–  रिलेशनशिप में पार्टनर के अलावा अन्य किसी भी काम या व्यक्ति के साथ समय ना बिता पाना और ऐसे में हर समय दुखी और निराश रहना।

– अपने पार्टनर की सभी गलत हरकतों को बर्दाश्त करना और उनके बारे में सब जानते हुए भी रिलेशनशिप में बने रहना।

– ना चाहते हुए भी अपने पार्टनर की सभी सही और गलत इच्छाएं पूरी करना और उनके हिसाब से चलना।

हर समय केवल अपने पार्टनर और रिलेशनशिप के बारे में सोचना, हर समय तनाव और चिंता में रहना, अपने पार्टनर को खुश करने का प्रयास करना।

– अपनी सभी जरूरी कामों को छोड़कर अपने पार्टनर और रिलेशनशिप के बारे में सोचना और उनके लिए काम करना।

– अपने बारे में ना सोचना और अपनी लाइफ के बारे में सोचने पर गिल्टी यानी खराब महसूस करना।
– अपने दिमाग से ना सोचना और बिना सोचे समझे अपने पार्टनर की सभी इच्छाएं पूरी करते जाना।

कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप को बैलेंस करने के लिए टिप्स:-

– कोडपेंडेंट रिलेशनशिप में एक दूसरे से अलग होने और रिलेशनशिप से दूर होने के लिए छोटे-छोटे स्टेप्स लेने की जरूरत होती है। ऐसा करने के लिए अपनी हॉबीज और दूसरे कामों में समय बिता सकते हैं।

– एक कोडिपेंडेंट व्यक्ति को अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए।
– कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप में दूसरे पार्टनर को कोडिपेंडेंट पार्टनर की कोई मदद नहीं करनी चाहिए और ना ही कोई त्याग करना चाहिए। ऐसा करने से आप उनकी मदद करने के बजाय उनके लिए समस्या का कारण बन सकते हैं।

– कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप में ग्रुप और पर्सनल थेरेपी काफी लाभदायक होती है। इसीलिए किसी प्रोफेशनल को मदद ले सकते हैं, ऐसा करने से कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप को आसानी से बैलेंस किया जा सकता है।

 

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