योग। योग का नियमित अभ्यास करना संपूर्ण शरीर के लिए लाभकारी हो सकता है। योग, न सिर्फ मन को शांत करने में मदद करने का कारगर तरीका है साथ ही इससे शारीरिक समस्याओं के जोखिमों को भी दूर किया जा सकता है। मत्स्यासन योग, जिसे फिश पोज के रूप में भी जाना जाता है इसके अभ्यास की आदत बनाने से भी कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। विशेषतौर पर शरीर के पॉश्चर को ठीक रखने के साथ पीठ और कमर में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए इस योग का अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है।
मत्स्यासन योग को महिलाओं के लिए भी कारगर अभ्यास माना जाता है, इससे न सिर्फ शारीरिक लचीलेपन में सुधार किया जा सकता है साथ ही मासिक धर्म की जटिलताओं में भी लाभ पाया जा सकता है। योग विशेषज्ञ कहते हैं, श्वसन और पाचन की समस्याओं को दूर करने के साथ रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में भी फिश पोज योग को फायदेमंद माना गया है। तो आइए आगे इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी है मत्स्यासन योग :-
मत्स्यासन योग, पेट की मांसपेशियों को उत्तेजित करने और पीठ को स्ट्रेच करने में मदद करता है। मासिक धर्म की ऐंठन और अन्य जटिलताओं को कम करने में इस योग के अभ्यास की आदत बनाने से लाभ पाया जा सकता है। पीरियड्स के दौरान हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण गैस, सूजन, दस्त और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इस तरह की दिक्कतों को भी इस योग के माध्यम से कम किया जा सकता है। यह पेल्विक हिस्से में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
थायरॉइड और प्रजनन स्वास्थ्य में लाभ :-
मत्स्यासन योग मुद्रा थायरॉइड और थाइमस ग्रंथियों के कामकाज में सुधार करने में सहायक अभ्यास है। मेटाबॉलिज्म और इम्यूनिटी पावर को बूस्ट करने में भी इस अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक फिश पोज के अभ्यास से आपके प्रजनन अंगों में रक्त संचार बढ़ता है, यह मुद्रा उन लोगों को राहत दिलाने में मदद करती है जो प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से पीड़ित हैं।
मोटापा कम करने में मददगार :-
मत्स्यासन योग का नियमित अभ्यास मोटापे की समस्या से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। नियमित रूप से मत्स्यासन का अभ्यास पेट और आंतरिक जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है, इससे जांघों और पेट पर जमे फैट को कम करने में मदद मिल सकती है। चूंकि इस अभ्यास से मेटाबॉलिज्म संबंधी लाभ भी हैं ऐसे में वजन को कंट्रोल करने के लिए भी फिश पोज के अभ्यास की आदत बनाने को फायदेमंद माना जाता है।
इसके अन्य फायदें :-
- यह छाती की मांसपेशियों को फैलाने में मदद करने वाला अभ्यास है जिससे सांस की समस्याओं में लाभ मिल सकता है।
- मत्स्यासन का नियमित अभ्यास करने से ऊपरी पीठ की मांसपेशियों को आराम मिलता है, रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- यह पीठ और घुटने के दर्द के लिए फायदेमंद अभ्यास है, इससे पीठ और घुटने की स्ट्रेचिंग हो जाती है।
- पेट के अंगों को हेल्दी रखने और कब्ज से राहत पाने में भी इसका अभ्यास फायदेमंद माना जाता है।