स्वास्थ्य। शरीर की संरचना को ठीक बनाए रखने के साथ चलने-दौड़ने और उठने तक के लिए रीढ़ की हड्डी का मजबूत होना आवश्यक माना जाता है। योग का नियमित रूप से अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी स्वस्थ रहती है। रीढ़ की हड्डी के मजबूत होने से पीठ के लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार होता है, साथ ही शरीर की बेहतर मुद्रा, परिसंचरण और दर्द को कम करने में भी योगासनों का नियमित रूप से अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
इन योगासनाें के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी होती है मजबूत….योग विशेषज्ञों के मुताबिक जीवनशैली में कुछ तरह के योगासनों को शामिल करके न सिर्फ रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाया जा सकता है, साथ ही यह पीठ के दर्द को कम करने में भी सहायक हो सकता है। आइए ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानते हैं जिनका नियमित रूप से अभ्यास करके रीढ की हड्डी को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
अधोमुख शवासन योग:- अधोमुख शवासन को रीढ़ को सेहतमंद रखने में काफी फायदेमंद माना जाता है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से कमर दर्द और साइटिका से राहत मिलती है, साथ ही यह शरीर में असंतुलन को दूर करने में मदद करता है और ताकत में सुधार करता है। अधोमुख शवासन योग शरीर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने में काफी लाभदायक माना जाता है।
कैट काऊ पोज का अभ्यास:- योग विशेषज्ञों के मुताबिक कैट काऊ पोज योग के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, साथ ही गतिशीलता में भी सुधार होता है। इस मुद्रा का अभ्यास करने से आपके धड़, कंधे और गर्दन की स्ट्रेचिंग होती है, जिससे शरीर की गतिशीलता में सुधार होता है।
भुजंगासन योग:- भुजंगासन योग का अभ्यास करने से रीढ़ और नितंबों को मजबूती मिलती है। यह आपकी छाती, कंधों और पेट को फैलाता है। तनाव को दूर करने में भी इस योग के अभ्यास को मददगार माना जाता है। भुजंगासन योग करने से रीढ़ को मजबूती मिलती है साथ ही लचीलेपन में सुधार होता है।
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