सूरज की सतह से 1 लाख किमी ऊपर उठ रहा लावा का फव्वारा, सूरज की सबसे डरावनी तस्वीरें

रोचक जानकारी। अर्जेंटीना के खगोलशास्त्री एडुआर्डो शाबर्गर पौप्यू ने सूर्य की सतह पर एक प्लाज्मा जलप्रपात की तरह दिखने वाले एक दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया है।  लाइवसाइंस के मुताबिक, एस्ट्रोफोटोग्राफर ने 9 मार्च को सूर्य की तस्वीरें ली थीं, यह प्लाज्मा की एक विशाल दीवार को तेज गति से सूर्य की सतह की ओर गिरते हुए दिखाता है।

अर्जेंटीना के खगोलशास्त्री ने इस तस्वीर को कैद करने के लिए एक विशेष कैमरा उपकरण का इस्तेमाल किया। तस्वीर में प्लाज़्मा की दीवार को सौर सतह से लगभग 100,000 किमी ऊपर उठते देखा जा सकता है। तुलना के लिए, इसका कद इतना बड़ा है कि लगभग आठ पृथ्वी एक दूसरे के ऊपर खड़ी हो सकती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया गया कि ये स्ट्रक्चर्स पहले भी कई बार सूरज पर देखे जा चुके हैं।

 

वे अक्सर सूर्य के ध्रुवों के चारों ओर छल्लों में दिखाई देते हैं, और उन्हें “पोलर क्राउन प्रोमिनेन्सेस” कहा जाता है। एस्ट्रोनॉमर ने कहा कि उनकी कंप्यूटर स्क्रीन पर यह ऐसा लग रहा था जैसे प्लाज्मा के सैकड़ों धागे दीवार से टपक रहे हों पीसीपी सूर्य के चुंबकीय ध्रुवों के पास 60 और 70 डिग्री उत्तर और दक्षिण के बीच अक्षांश पर होते हैं, जो अक्सर उन्हें सूर्य की ओर वापस गिरने का वजह बनता है क्योंकि ध्रुवों के पास चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत होते हैं। इसी कारण से एडुआर्डो शाबर्गर पौप्यू के कैमरे में ऐसी तस्वीर कैद हो सकी। नासा ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक , नॉर्दर्न लाइट्स के बजाय, सूरज के अंडाकार प्लाज्मा की डांसिंग शीट से भरे हुए हैं। वहीं Space.com का मानना है कि प्लाज्मा 22,370 मील प्रति घंटे की जबरदस्त गति से नीचे गिरता है सौर खगोलविदों ने पहले भी इस तरह की प्रोमिनेन्सेस देखी हैं, लेकिन इतनी स्पष्ट रूप से कभी नहीं। हालांकि NASA ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि स्थिर प्रोमिनेन्सेस जैसी कोई चीज़ नहीं होती है। वैज्ञानिकों को अभी भी यह ज्ञात नहीं है कि सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र ये सब कैसे कर रहा है।

 

 

 

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