भगवान देवनारायण ने हमेशा सेवा और जनकल्याण को दी सर्वोच्चता: पीएम मोदी

राजस्‍थान। पीएम नरेंद्र मोदी ने भीलवाड़ा के आसींद में मालासेरी डूंगरी पर आयोजित भगवान  देवनारायण के 1111वें अवतरण वर्ष पर बड़ी जनसभा को संबोधित कर गुर्जर समाज में बड़ा आध्यात्मिक और सियासी संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि संयोग की बात है, भारत को G-20 की अध्यक्षता मिली है। उसके लोगो में कमल पर पृथ्वी को बैठाया है। भगवान देवनारायण का अवतरण भी कमल पर हुआ था। मोदी बोले कि हम तो वो लोग हैं, जिनकी पैदाइश ही कमल के साथ हुई है। इसलिए हमारा और आपका नाता कुछ गहरा है।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का यह कालखण्ड भारत और राजस्थान के विकास के लिए बहुत अहम है। हमें एकुजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उम्मीदों से देख रही है। भारत ने जिस तरह पूरी दुनिया को अपना सामर्थ्य और दमखम दिखाया है। उसने शूरवीरों की इस धरती का भी गौरव बढ़ाया। भारत ने दुनिया के हर मंच पर अपना गौरव बढ़ाया है। भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। इसलिए ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है। हमें अपने संकल्पों पर टिककर दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है। मुझे पूरा विश्वास है कि भगवान देवनारायण के आशीर्वाद से हम सब अवश्‍य सफल होंगे। कड़ा परिश्रम करें। हम मिलकर करेंगे। सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त होकर रहेगी।

जब भगवान देवनारायण का बुलावा आए, तो कोई मौका छोड़ता है क्या
पीएम मोदी ने देव धर्म सभा को संबोधित करते हुए सबसे पहले- सवाई भोज महाराज, देवनारायण भगवान के दो-दो बार जयकारे लगवाए। फिर मोदी ने कहा कि साडू माता की तपोभूमि, देवनारायण भगवान की जन्मभूमि मालासेरी डूंगरी को म्हारो प्रणाम। उन्‍होंने कहा कि आज इस पावन अवसर पर भगवान देवनायारण जी का बुलावा आया और जब भगवान देवनारायण का बुलावा आए, तो कोई मौका छोड़ता है क्या ? मैं भी हाजिर हो गया हूँ।

कोई प्रधानमंत्री यहां नहीं, भक्ति भाव से यात्री की तरह आशीर्वाद लेने आया
पीएम मोदी ने जनसभा से कहा कि आप याद रखिए ये कोई प्रधानमंत्री यहां नहीं आया है। मैं पूरे भक्ति भाव से आप ही की तरह एक यात्री की तरह आशीर्वाद लेने आया हूं। अभी मुझे यज्ञशाला में पूर्णाहूति देने का भी सौभाग्य मिला। मेरे लिए ये भी सौभाग्य का विषय है कि मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायणजी और उनके सभी भक्तों का आशीर्वाद प्राप्त करने का पुण्य अवसर प्राप्त हुआ। भगवान देवनारायण और जनता जनार्दन दोनों के दर्शन करके मैं आज धन्य हो गया हूं।

उन्‍होंने कहा कि देशभर से यहां पधारे सभी श्रद्धालुओं की तरह मैं भगवान देवनरायण से अनवरत राष्ट्र सेवा के लिए गरीबों के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। भगवान देवनारायण का 1111 वां अवतरण दिवस है। सप्ताह भर से यहां इससे जुड़े समारोह चल रहे हैं। जितना बड़ा यह अवसर है, उतनी ही भव्यता और उतनी ही दिव्यता, उतनी ही बड़ी भागीदारी गुर्जर समाज ने सुनिश्चित की है। इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सराहना करता हूं।

भारत वैभवशाली भविष्य की नींव रख रहा, सबसे बड़ी प्रेरणा समाज की शक्ति
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के हम लोग हजारों वर्षों पुराने अपने इतिहास, सभ्यता, संस्कृति पर गर्व करते हैं। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गई। परिवर्तनों के साथ खुदको ढाल नहीं पाई। भारत को भी भौगोलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई। भारत केवल एक भू-भाग नहीं हमारी सभ्यता, संस्कृति और सम्भावनाओं की एक अभिव्यक्ति है।

इसलिए आज भारत अपने वैभवशाली भविष्य की नींव रख रहा है। जानते हैं इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा और शक्ति क्या है, किसकी शक्ति है, किसके आशीर्वाद से भरत अटल, अजर, अमर है। ये शक्ति हमारे समाज की शक्ति है। देश के कोटि-कोटि जनों की शक्ति है। भारत की हजारों वर्ष की यात्रा में समाज शक्ति की बहुत बड़ी ताकत है। हमारा सौभाग्य रहा है, हर महत्वपूर्ण काम में हमारे समाज के भीतर से ही एक ऐसी ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रकाश सबको दिशा दिखाता है, सबका कल्याण करता है।

भला जी भला देव भला‘, इसी उदघोष में भले की कामना :-
पीएम मोदी ने कहा- भगवान देवनारायण ऐसे ऊर्जा पुंज अवतार थे, जिन्होंने अत्याचारियों से हमारे जीवन और संस्कृतियों की रक्षा की। देव रूप में मातृ 31 वर्ष की आयु बिताकर जन मानस में अमर हो जाना, सर्वसिद्ध अवतार के लिए ही सम्भव है। उन्होंने समाज में फैली बुराईयों को दूर करने का साहस किया। समाज को एकजुट किया। समरसता के भाव को फैलाया। भगवान देवनारायण ने समाज के विभिन्न वर्गों को साथ जोड़कर आदर्श व्यवस्था काम करने की दिशा में काम किया। यही कारण है कि देवनरायण भगवान के लिए समाज के सभी वर्गों में श्रद्धा और आस्था है। इसलिए भगवान देवनारायण आज भी लोक जीवन में परिवार के मुखिया की तरह है। उनके साथ परिवार का सुख-दुख बांटा जाता है। भगवान देवनारायण ने हमेशा सेवा और जनकल्याण को सर्वोच्चता दी है। यही सीख और प्रेरणा लेकर हर श्रद्धालु यहां से जाता है। जिस परिवार से वह आते थे, वहां उनके लिए कोई कमी नहीं थी। लेकिन सुख सुविधा के बजाय उन्होंने सेवा और जनकल्याण का कठिन मार्ग चुना, ऊर्जा का उपयोग प्राणी मात्र के कल्याण के लिए किया।  ‘भला जी भला देव भला’, इसी उदघोष में भले की कामना है, कल्याण की कामना है। भगवान देवनायारण ने जो रास्ता दिखाया है, वो सबके विकास का है।

पिछले 8-9 सालों से उपेक्षित-वंचितों को वरीयता का मंत्र
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है। पिछले 8-9 वर्षो से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है,जो उपेक्षित,वंचित रहा है। वंचितों को वरीयता के मंत्र को लेकर हम चल रहे हैं। आप याद करिए राशन मिलेगा या नहीं, कितना मिलेगा यह गरीब की कितनी बड़ी चिंता होती थी। आज हर लाभार्थी को पूरा राशन मिल रहा है, मुफ्त मिल रहा है। अस्पताल में ईलाज की चिंता को भी हमने आयुष्मान भारत योजना से दूर कर दिया है। गरीब के घर , टॉयलेट, बिजली, गैस की चिन्ता भी हम दूर कर रहे हैं। बैंक से लेनदेन भी बहुत कम लोगों को नसीब होती थी। आज देश में सभी के लिए बैंक के दरवाजे खुल गए हैं।

11 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पाइप से पानी पहुंचने लगा –
मोदी बोले- पानी का क्या महत्व होता है, यह राजस्थान से बेहतर भला कौन जान सकता है ? लेकिन आजादी के दशकों बाद भी देश के केवल तीन करोड़ परिवारों तक ही नल से जल की सुविधा थी। 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था। पिछले साढ़े तीन सालों में देश में जो प्रयास हुए, उसकी वजह से अब 11 करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है।

राजस्थान के किसानों को 15 हजार करोड़ पीएम किसान सम्मान निधि से दिए
पीएम मोदी ने कहा-देश में किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए भी बहुत व्यापक काम देश में हो रहा है। सिंचाई की पारम्परिक योजनाओं का विस्तार हो या नई टेक्नीक की सिंचाई, किसान को आज हर सम्भव मदद दी जा रही है, छोटा किसान जो कभी सरकारी मदद के लिए तरसता था, उसे भी पहली बार पीएम किसान सम्मान निधि से सीधी मदद मिल रही है। यहां राजस्थान में भी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे उनके बैंक खातों में भेजे गए हैं। भगवान देवनारायण ने गौसेवा को समाज सेवा और सशक्तिकरण का माध्यम बनया था। बीते कुछ सालों में गौसेवा का यह भाव लगातार सशक्त हो रहा है।

हमारे यहां खुरपका और मुंहपका की बीमारियां कितनी बड़ी समस्या थी, ये आप अच्छी तरह जानते हैं। इससे हमारी गायों और पशुधन को मुक्ति मिले, इसलिए देश में करोड़ों पशुओं के मुफ्त टीकाकरण का बड़ा अभियान चल रहा है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया गया। राष्ट्रीय गोकुल मिशन से वैज्ञानिक तरीकों से पशुधन को मजबूती देने का काम किया जा रहा है। पशुधन आस्था ही नही ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत हिस्सा है। पशुपालकों को भी पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। गोवर्धन योजना भी देश में चल रही है। गोबर सहित खेती के कचरे को बिजली में बदलने का भी प्लान है। इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं।

पंच प्रणों पर चलने का आह्वान दिलाया याद
उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर मैंने लाल किले से पंच प्रणों पर चलने का आह्वान किया था। उद्देश्य यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों को याद रखें। अपने मनीषियों के दिखाए रास्ते पर चलना और बलिदानियों, शूरवीरों के साहस को याद रखना भी इसी संकल्प का हिस्सा है।

गुर्जर समाज शौर्य, पराक्रम और भक्ति का पर्याय :-
पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान में सृजन, उत्साह और उत्सव, परिश्रम, परोपकार, शौर्य, रंग और राग, जन जन का संघर्ष रहा है। ये प्रेरणास्थली भारत के गौरवशाली इतिहास की साक्षी रही है। गुर्जर समाज शौर्य पराक्रम और भक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र रक्षा और देश सुरक्षा में इसका बड़ा योगदान है। क्रांतिवीर भूपसिंह गुर्जर जिन्हें विजय सिंह पथिक के नाम से जाना जाता है, उनके नेतृत्व में बिजौलिया किसान आंदोलन आजादी की लड़ाई में बड़ी प्रेरणा रहा। कोतवाल धनसिंह और जोगला सिंह जी जैसे अनेक वीर रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए जीवन दे दिया। रामप्यारी गुर्जर पन्नाधाय जैसी नारी शक्ति की महान प्रेरणा भी हमें हर पल प्रेरित करती हैं। ये दिखाता है कि गुर्जर समाज की बहनों, बेटियों ने कितना बड़ा योगदान देश और संस्कृति की सेवा में दिया है। ये परम्परा आज भी लगातार समृद्ध हो रही है।

मोदी ने झुककर किया प्रणाम, गुर्जर समाज की पहनी लाल पगड़ी
उद्बोधन से पहले पीएम मोदी ने मालासेरी डूंगरी पर आयोजित सभा के मंच पर हाथ जोड़कर और झुककर सभी को प्रणाम किया और हाथ हिलाचकर अभिवादन किया। मंच पर केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर सहित कई नेता और देवनारायण मंदिर के मुख्य पुजारी हेमंत पोसवाल उपस्थित रहे। गुर्जर समाज में पहने जाने वाली विशेष लाल पगड़ी पीएम मोदी को पहनाई गई।

मोदी को लाल दुपट्टा भी पहनाया गया। पीएम को धार्मिक मोमेंटो भेंट किया गया। मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल से सबसे पहले उद्बोधन दिलवाया गया। जिन्होंने कहा कि मालासेरी डूंगरी पधारे पीएम नरेंद्र मोदी एक हाथ में संविधान और दूसरे हाथ में धर्म ध्वजा लेकर राष्ट्र को सिंहासन पर आरुढ़ कराने के लिए संकल्पित हैं, ऐसे नेता का सर्व समाज की ओर से हार्दिक अभिनंदन है। भगवान देवनायण आपको आशीर्वाद प्रदान करें। उन्होंन कहा कि पीएम मोदी जिस तरह सनातम धर्मियों के लिए भगवान राम की नगरी अयोध्या और भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन-मथुरा है, उसी तरह मालासेरी हमारे लिए पूजनीय है। हम पीएम का अभिनंदन करते हैं।

नया भारत बीते दशकों की भूलों को भी सुधार रहा है
पीएम मोदी बोले कि ये देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वो स्थान नहीं मिल पाया। जिसके वो हकदार थे। जो स्थान उनको मिलना चाहिए था। लेकिन आज का नया भारत बीते दशकों में हुई उन भूलों को भी सुधार रहा है। अब भारत की संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा हो रही है। भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उसे सामने लाया जा रहा है। ये भी बहुत आवश्‍यक है कि गुर्जर समाज की नई पीढ़ी, युवा भगवान देवनारायण के संदेशों और उनकी शिक्षाओं को और मजबूती से आगे बढ़ाएं। ये गुर्जर समाज को भी सशक्त करेगा और देश को भी आगे बढ़ाने में इससे सहायता मिलेगी।

देवनाराण भगवान पर शॉर्ट फिल्म प्रदर्शित
संस्कृति मंत्रालय ने माता साड़ू और देवनारायण भगवान पर शॉर्ट फिल्म बनवाकर प्रदर्शित की। भीलवाड़ा के आसींद से सात किमी दूर देवनारायण मंदिर और इसमें भगवान विष्णु की पूजा के बारे में बताया गया। भगवान विष्णु ही देवनारायण रूप में मालासेरी डूंगरी पर अवतरित हुए। माता साड़ू की अखंड तपस्या से प्रसन्न होकर पर्वत को चीरकर घनघोर बारिश के दौरान कमल के फूल पर अवतरित हुए। जंगल में देवजी को दूध पिलाने, राक्षसों को दण्डित करने, लोक उपकार पर आधारित कथाओं का जिक्र किया गया। अन्याय का प्रतिकार करने और चमत्कारी सिद्धियों से जनकल्याण, लोकसेवा, गौसेवा करने वाले रूप में भी भगवान देवनारायण को पहचाना जाता है।

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