लाइफ स्टाइल। आलोचना एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि लोगों को नेगेटिविटी का बोध कराती है। हर किसी को अपने जीवन में कभी न कभी आलोचना का शिकार होना पड़ता है इसलिए जरूरी है कि हमें यह मालूम होना चाहिए कि इससे नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचा जाए। अक्सर लोग आलोचना को नकारात्मक समझते हैं लेकिन यही आलोचना कई बार हमें ऐसे तत्वों का बोध कराती है जो हमारी सक्सेस में रोड़ा बनती है।
आलोचना ही है जो कई बार हमारे ज्ञान, विशेषता और अनुभव के बीच खाली जगहों को भरती है और हमें कई नई चीजें भी सिखाती है। हम किसी भी प्रकार की आलोचना को कैसे अपनाते हैं इसका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हमें उन तरीकों को पहचानना बहुत जरूरी होता है जिनके माध्यम से हम आलोचना को पॉजिटिव वेव में बदल सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे तरीके-
अंतर को पहचानने की कोशिश करें:-
आलोचक के द्वारा कही बातों में उन बातों पर ध्यान दें जिससे आप सहमत नहीं हैं, गलतियां या फिर कोई अतिशयोक्ति। इनकी पहचान करना आपकी सक्सेस के लिए लाभदायक होगा। आपको आलोचक की बातों में अपने वीक प्वाइंट को तलाशना है।
तनाव से खुद को मुक्त रखें:-
तनाव हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इसका असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है इसलिए जरूरी है कि हमें इसे कंट्रोल करें। आलोचना के समय कभी भी अपने आप को तनाव नहीं देना है। इसका आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा और यह आपको किसी भी बात पर ध्यान केंद्रित नहीं करना पड़ेगा। जब बात गहरी हो रही हो तो आप एक लंबी सांस लेकर अपने शरीर को तनाव मुक्त कर सकते हैं।
बातों को सुनने पर ध्यान दें:-
पॉजिटिव वेव में आलोचना से निपटने के लिए बहुत जरूरी है कि जो आलोचना कर रहा है उसकी बातों को बिना किसी रुकावट के ध्यान से सुने और अगर इसकी आदत नहीं है तो इसका अभ्यास करें। आप बाद में अपनी बात रख सकते हैं यह समझकर कि आलोचना का तात्पर्य क्या है।
गलतियों को स्वीकार करना सीखें:-
आलोचना को पॉजिटिव वेव में लेने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने द्वारा की गई गलतियों को स्वीकार करें। ऐसा करके आप अपने किसी कमजोर क्षेत्र में सुधार कर सकते हैं। आप की यह काबीलियत यह दिखाती है कि आप जिम्मेदारी लेने में सक्षम हैं।
मुद्दे पर आपना दृष्टिकोण शेयर करें:-
अगर आपकी आलोचना हो रही है तो इस बात को समझें कि क्या आपके नजरिए को किसी को समझने में दिक्कत हो रही है या किसी ने आपके काम को गलत तरीके से लिया है। ऐसा है तो आलोचक की बात सुनने के बाद आप अपना नजरिया और स्थिति को समझाने की कोशिश करें।
सीमाएं न पार करें:-
अगर कोई आलोचक अपनी सीमाएं पार करता है तो उसे रोकें। आप आलोचक से कह सकते हैं कि मैं आपको सुनना चाहता हूं लेकिन आपसे उम्मीद करता हूं कि आप अपनी बात सम्मान पूर्वक कहें।