मास्टर प्लान के ड्राफ्ट पर सुनवाई का 90 प्रतिशत कार्य हुआ पूरा
नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मास्टर प्लान-2041 के ड्राफ्ट पर आई आपत्तियों एवं सुझावों पर सुनवाई का कार्य करीब-करीब पूरा कर लिया है। डीडीए नौ बैठकों में करीब 30 आपत्तियों एवं सुझावों पर लोगों के साथ चर्चा कर चुका है, जबकि डीडीए के पास 33 हजार आपत्ति एवं सुझाव भेजे गए थे। डीडीए ने इस माह के दौरान समस्त सुझावों एवं आपत्तियों पर सुनवाई का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। डीडीए ने मास्टर प्लान के ड्राफ्ट पर आई आपत्तियों एवं सुझावों पर सुनवाई के लिए सुनवाई एवं जांच बोर्ड को गठन किया और बोर्ड ने 18 अक्तूबर से सुनवाई का कार्य शुरू किया। बोर्ड ने लोगों के साथ घरेलू सेवकों, होम बेस्ड वर्कर्स, प्रवासी श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों और पुनर्वास कालोनियों और अनधिकृत कालोनियों के निवासियों से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई कर चुका है। इसके अलावा पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, धरोहर स्थल, आश्रय, परिवहन, सामाजिक अवसंरचना, भौतिक अवसंरचना, नई विकास नीतियों पर सुनवाई हो चुकी है। बोर्ड ने मास्टर प्लान के विजन और लक्ष्यों, वायु, जल, ध्वनि प्रदूषण, पर्यावरण से संबंधित मुद्दे, यमुना नदी की सफाई और बाढ़ के मैदान, ट्रैफिक जाम, पार्किंग मुद्दे, शहर के पुराने क्षेत्रों के विकास, औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास मिश्रित उपयोग, स्ट्रीट, वाणिज्यिक क्षेत्र के लिए शुल्क, किराये और किफायती आवास के प्रावधान, अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों में सुधार, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुविधाएं, वहनीय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, वेंडिंग गतिविधियां, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मुद्दे, पैदल चलने वालों के लिए सुविधाएं, इलाकों की साफ-सफाई, जल निकासी और सीवरेज सिस्टम, उपयोगिता योजनाओं आदि से संबंधित मामलों के बारे में भी सुनवाई की गई है।
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