MEA: कतर में आठ पूर्व नौसैनिकों को मिली राहत, फांसी की सजा पर लगी रोक

MEA: खाड़ी देश कतर की एक अदालत की ओर से भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा देने के निर्णय पर रोक लगा दी गई है. इस बात की पुष्टि भारतीय विदेश मंत्रालय ने की है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपीलीय अदालत में आज फैसले पर गौर किया है, जिसमें भारतीय नौसेना के कर्मियो की सजाएं कम कर दी गई हैं. हालांकि हम विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं. आज अपीलीय अदालत (MEA) में कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

उन्‍होंने बताया कि पीड़ितों के परिवार के सदस्य भी अदालत में मौजूद थे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी (MEA) सहायता देना जारी रखेंगे. इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे.

MEA: ये है पूरा मामला

दरअसल, मामला पहली बार 30 अगस्त 2023 को सामने आया, जब कतर की खुफिया एजेंसी ‘राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो’ ने आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को गिरफ्तार किया. इतना ही नहीं, उन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया और एकांत कारावास में भेज दिया गया. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद इसी साल अक्‍टूबर माह में कतर के कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टांस की ओर से उन्‍हें मौत की सजा वाला फैसला सुनाया था.   

रिपोर्ट्स के अनुसार, सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक कतर की निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज में काम कर रहे थे. इस कंपनी के द्वारा कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान की जाती है. जबकि कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है.

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